
लिंकनकी विनम्रता
लिंकनकी विनम्रता बात की है, जब अब्राहम लिंकन अमेरिकाके राष्ट्रपति नहीं बने थे, किंतु अच्छे नेताके रूपमें प्रसिद्ध हो चुके
लिंकनकी विनम्रता बात की है, जब अब्राहम लिंकन अमेरिकाके राष्ट्रपति नहीं बने थे, किंतु अच्छे नेताके रूपमें प्रसिद्ध हो चुके
विडालव्रतवालोंसे सावधान रहना चाहिये एक बार एक बिलाव शक्तिहीन ही जानेके कारण गंगाजीके तटपर हाथ उठाकर खड़ा हो गया और
प्रतिष्ठानपुर-नरेश सातवाहन आखेटको निकले और सैनिकोंसे पृथक् होकर वनमें भटक गये। वनमें भटकते भूखे-प्यासे राजा सातवाहन एक भीलकी झोपड़ीपर पहुँच
दशार्ण देशमें एक राजा रहता था वज्रबाहु वज्रबाहुकी पत्नी सुमति अपने नवजात शिशुके साथ किसी असाध्य रोगसे ग्रस्त हो गयी।
संत इब्राहीम खवास किसी पर्वतपर जा रहे थे। पर्वतपर अनारके वृक्ष थे और उनमें फल लगे थे। इब्राहीमकी इच्छा अनार
‘लालच बुरी बलाय’ एक दुखी लकड़हारा नदीके किनारे पेड़ काट रहा था। सहसा उसकी कुल्हाड़ी उसके हाथसे फिसलकर नदीमें जा
(उमा-महेश्वर) सदा शिवानां परिभूषणायै सदा शिवानां परिभूषणाय । शिवान्वितायै च शिवान्विताय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥ यह भी एक
श्रीभूदेव मुखोपाध्यायने अपनी एक लाख, साठ हजारकी सम्पत्ति दान करके अपने पिता श्रीविश्वनाथ तर्कभूषणकी स्मृतिमें ‘विश्वनाथ फंड’ स्थापित किया था।
एक बार महर्षि आपस्तम्बने जलमें ही डूबे रहकर भगवद्भजन करनेका विचार किया। वे बारह वर्षोंतक नर्मदा और मत्स्या संगमके जलमें
पंजाब केसरी महाराज रणजीतसिंह कहीं जा रहे थे। अकस्मात् एक ढेला आकर उनको लगा। महाराजको बड़ी तकलीफ हुई। साथी दौड़े