पुरुषार्थ बड़ा या भाग्य!
.एक बार दो राज्यों के बीच युद्ध की तैयारियां चल रही थीं। दोनों के शासक एक प्रसिद्ध संत के भक्त
.एक बार दो राज्यों के बीच युद्ध की तैयारियां चल रही थीं। दोनों के शासक एक प्रसिद्ध संत के भक्त
संसार-चक्र एक ब्राह्मण किसी विशाल वनमें घूम रहा था। वह चलता-चलता एक दुर्गम स्थानमें जा पहुंचा। उसे सिंह, व्याघ्र, हाथी
जिसने दक्षिण अफ्रीकाके सत्याग्रहका इतिहास पढ़ा होगा, वह भलीभाँति जानता होगा कि निरपराध होते तथा परोपकार करते हुए महात्मा गांधी-
यज्ञकी धूम शिखाओंसे गगन आच्छादित हो गयाः | उसकी निर्मल और स्वच्छ नीलिमामें विशेष दीप्ति अभिव्यक्त हो उठी। महाराज रथवीति
प्रणतपाल भगवान् कौरवों और पाण्डवोंका युद्ध निश्चित हो गया। युद्धमें श्रीकृष्णकी सहायता लेनेके लिये दुर्योधन और अर्जुन दोनों द्वारका गये।
मातृभाषाका महत्त्व इतिहासके प्रकाण्ड पण्डित डॉ0 रघुबीर प्रायः फ्रांस जाया करते थे। वे सदा फ्रांसके राजवंशके एक परिवारके यहाँ ठहरा
विदेहनन्दिनी सीताके जीवनमें आनेवाले विरह-दुःखका बीज एक दिन सीता सखियोंके साथ उद्यानमें खेल रही थीं। वहाँ उन्हें दो तोते बैठे
एक बड़ा सुन्दर मकान है। उसके नीचे अनाजकी दूकान है। दूकानके सामने अनाजकी ढेरी लगी है। एक बकरा आया। उसने
सिर झुकता है, पगड़ी नहीं ‘तुम चारण-जातिके होकर भी सभाकी रीति नीति नहीं जानते। मुझे तो यह जानकारी थी कि
स्पेनके पेरु प्रान्तके लिमा नगरमें सोलहवीं शताब्दी में संत रोजका जन्म हुआ था। वह असाधारण रूपवती थी उसके मनमें यह