
विदेहनन्दिनी सीताके जीवनमें आनेवाले विरह-दुःखका बीज
विदेहनन्दिनी सीताके जीवनमें आनेवाले विरह-दुःखका बीज एक दिन सीता सखियोंके साथ उद्यानमें खेल रही थीं। वहाँ उन्हें दो तोते बैठे

विदेहनन्दिनी सीताके जीवनमें आनेवाले विरह-दुःखका बीज एक दिन सीता सखियोंके साथ उद्यानमें खेल रही थीं। वहाँ उन्हें दो तोते बैठे

एक बड़ा सुन्दर मकान है। उसके नीचे अनाजकी दूकान है। दूकानके सामने अनाजकी ढेरी लगी है। एक बकरा आया। उसने

सिर झुकता है, पगड़ी नहीं ‘तुम चारण-जातिके होकर भी सभाकी रीति नीति नहीं जानते। मुझे तो यह जानकारी थी कि

स्पेनके पेरु प्रान्तके लिमा नगरमें सोलहवीं शताब्दी में संत रोजका जन्म हुआ था। वह असाधारण रूपवती थी उसके मनमें यह

बड़ोंका अभिवादन करनेसे दीर्घायुष्यकी प्राप्ति प्राचीन कल्पकी बात है; मृकण्डु नामसे विख्यात एक मुनि थे, जो महर्षि भृगुके पुत्र थे।

अब्राहम लिंकनका बचपन अत्यन्त दुःखमय था । उन्होंने अत्यन्त साधारण और गरीब परिवारमें जन्म लिया था। कभी नाव चलाकर तो

श्रीरामकृष्ण परमहंसदेवके अनुगतोंमें श्रीदुर्गाचरणजी नाग प्रायः नाग महाशयके नामसे जाने जाते हैं। इनके घरकी स्थिति अच्छी नहीं थी। पिता नौकरी

ईश्वर सब देखता है इंग्लैण्डके एक महानगरमें शेक्सपियरका कोई नाटक चल रहा था। बहुत वर्षों पहले सज्जनोंके लिये नाटक देखना

[2] मर्यादाके त्यागसे अपमान एक जगह बहुत-से मोरके पंख पड़े हुए थे। एक कौएने उन्हें देखकर मन-ही-मन सोचा-यदि मैं इन

पटना शहरमें कोई ब्राह्मण रहते थे। उनका नियम था – प्रतिदिन एक ब्राह्मणको भोजन कराके तब स्वयं भोजन करते ।