
परधर्मसहिष्णुताकी विजय
शिवाजी अपने तंबू में बैठे सेनानी माधव भामलेकरके आनेकी चिन्तापूर्ण प्रतीक्षा कर रहे थे। इसी बीच हाथमें एक ग्रन्थ लिये
शिवाजी अपने तंबू में बैठे सेनानी माधव भामलेकरके आनेकी चिन्तापूर्ण प्रतीक्षा कर रहे थे। इसी बीच हाथमें एक ग्रन्थ लिये