झूलो की रुत है आई, ओ श्री राधा प्यारी…

एक बार की बात है कि, सावन के इसी पुनीत महीने में प्रिया राधा जी, प्रिय श्यामसुन्दर से रूठ जाती है… और प्रिया जी की यह मान मुद्रा, हमारे श्यामसुन्दर को बैचैन कर देती हैं, और वे श्री राधा जी को मनाने के लिए भिन्न भिन्न प्रयास करते हुए, एक कदंब के पेड़ के निकट खड़े हो, इस प्रकार अपनी बंशी के मधुर राग में श्री राधा जी से कहते है…
झूलो की रुत है आई, ओ श्री राधा प्यारी…
झूलो की रुत है आई, ओ श्री राधा प्यारी…
सुन्दर सजा है झुला…जल्दी पधारो प्यारी…
अब मान को त्यागो, ये रुत बड़ी है प्यारी…
अब देर न लगाओ…जल्दी करो तैयारी …
झूलो की रुत है आई, ओ श्री राधा प्यारी.
श्री वंशीवट पे प्यारी, सुन्दर कदंब की डारी…
सुन्दर कदंब की डारी…सुन्दर कदंब की डारी…
सुन्दर सजा है झुला…जल्दी पधारो प्यारी…
झूलो की रुत है आई, ओ श्री राधा प्यारी…

झुला तुम्हे झुलाऊ, और बांसुरी सुनाऊ…
और बांसुरी सुनाऊ…और बांसुरी सुनाऊ…
अब मान को त्यागो, ये रुत बड़ी है प्यारी…
झूलो की रुत है आई, ओ श्री राधा प्यारी… झूलो की रुत है आई, ओ श्री राधा प्यारी…
झूलो की रुत है आई, ओ श्री राधा प्यारी…
सुन्दर सजा है झुला…जल्दी पधारो प्यारी…
अब मान को त्यागो, ये रुत बड़ी है प्यारी…
अब देर न लगाओ…जल्दी करो तैयारी …
झूलो की रुत है आई, ओ श्री राधा प्यारी…

और श्री श्यामसुन्दर के प्रेम के वशीभूत हो प्रिय राधा जी अपने मान को त्याग, श्यामसुन्दर के संग झूले में विराजित होती हैं, और श्यामसुंदर उन्हें अपने हाथो से झूले में झुलाते हैं…



Once upon a time, in this auspicious month of Sawan, Priya Radha ji gets angry with dear Shyamsundar… and this attitude of Priya ji makes our Shyamsundar restless, and he tries to pacify Shri Radha ji. Making a different effort, standing near a Kadamba tree, thus saying to Shri Radha ji in the melodious melody of his flute… I am in the mood of swinging, O Shri Radha Pyari… I am in the mood of swinging, O Shri Radha Pyari… The swing is a beautiful decoration… come soon dear… Now leave the honor, this route is very dear… Don’t delay now… hurry up and prepare… I am in the habit of swinging, O dear Shri Radha. Dear, beautiful Kadamba’s thread on Shri Vanshivat… Beautiful Kadamba ki Dari… Beautiful Kadamba ki Dari… The swing is a beautiful decoration… come soon dear… I am in the mood of swinging, O Shri Radha Pyari…

Let me swing you, and let me listen to the flute… Let me listen to more flute… and listen to flute… Now leave the honor, this route is very dear… I am in the mood of swinging, O Shri Radha Pyari… I am in the mood of swinging, O Shri Radha Pyari… I am in the mood of swinging, O Shri Radha Pyari… The swing is a beautiful decoration… come soon dear… Now leave the honor, this route is very dear… Don’t delay now… hurry up and prepare… I am in the mood of swinging, O Shri Radha Pyari…

And be subjugated by the love of Shri Shyamsundar, dear Radha ji sacrifices her pride, sits in the swing with Shyamsundar, and Shyamsundar swings her in the swing with his hands…

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *