जो व्यक्ति गुरु, ब्राह्मण, गाय और देवता की सेवा करता है उस धर्मात्मा पुरुष के पास सुख और संपत्ति बिना बुलाए स्वभाविक ही आ जाती है
The person who serves Guru, Brahmin, Cow and God, happiness and wealth naturally comes to that virtuous person without being called.