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एक व्यक्ति परिवार में अपने मे अकेला बैठा है। उसके मन में विचार आता है देख मेरे साथ कोई हंसता बोलता नहीं है तब उसका मित्र उसे समझाता है। इस संसार में कोई किसी का मित्र नहीं है। परिवार वालों ने आप पर कृपा की है ।एक दिन सबको अकेले होना पड़ता है। हम भगवान का भजन नाम जप कीर्तन करते हुए अकेले होते हैं। तब भगवान का लाख लाख शुक्रिया करते कहते हे स्वामी भगवान नाथ मेरा सच्चा सम्बन्ध तो तुझ से है। ये सब सम्बन्ध अपने दिखते हुए भी अपने नहीं है ।मेरे मालिक मुझे इन सब में तुम्हारा रूप दिखता है। परिवार वालों ने मुझे सच्चे मार्ग पर चलने के लिए ही प्रेरित किया है। परिवार के सदस्य गुरु रूप होते हैं जो ऊपर से सख्ती दिखाते हुए भी हमे कल्याण का मार्ग दिखाते हैं। जय श्री राम
अनीता गर्ग



A person is sitting alone in the family. A thought comes in his mind, seeing that no one laughs with me, then his friend explains to him. There is no one’s friend in this world. Family members have blessed you. One day everyone has to be alone. We are alone in chanting, chanting, chanting the bhajans of the Lord. Then, thanking God lakhs of lakhs, he says, Swami Bhagwan Nath, my true relation is with you. All these relations are not my own even though I see it. My master, I see your form in all of them. My family members have inspired me to follow the true path. The members of the family are the guru form, who shows us the path of well-being even after showing strictness from above. Long live Rama Anita Garg

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