महादेव !!
तुम अनन्त, तुम निर्गुण, तुम साकार निराकार।
तुम केदार, तुम सोमनाथ, तुम हो अवतार।।
तुम पार्वती पति, तुम हो ओंकार, तुम ही परमेश्वर।
तुम मल्लिकार्जुन, तुम भूतनाथ, तुम ही त्र्यम्बकेश्वर।।
तुम महेश, तुम मंगलमय, तुम अतिपावन।
तुम दाता, तुम सत्य सनातन, तुम मन भावन।।
तुम योगी, तुम कृपालु, तुम ही हो दयामय।
तुम पाप हारणहारी, तुम विनय, तुम ही अनुनय।।
हे नीलकंठ ! हे उमारमण! हे भोलेशंकर! अब तो आ जाओ एकबार।
दे दो दर्शन इस दीन दुःखी को, हो कर नंदी पर सवार