आज हर व्यक्ति अपने आप को अकेला महसूस करता है।
व्यक्ति अकेला क्यों महसूस करता है। क्योंकि हमने बैठे रहने की आदत डाल ली है। व्यक्ति दिनभर कार्य करता था। एक काम खत्म नहीं होता था। अन्य कार्य करने के लिए रखे होते थे। अब सब अटॉमिक साधन है। मन को कार्य शैली भर सकती है। सुख के लाख साधन भी मन को नहीं भर सकते हैं।
हम कार्य ही नहीं करते हैं कार्य के साथ हम अपने मन को भी भरते हैं कर्म करते हुए हम सम्बन्ध को स्टरोंग बनाते हैं कर्म कर्म ही नहीं है विचार की पवित्रता समर्पण का भाव है।