आध्यात्मिक विचार
कृष्ण! कृष्ण! कृष्ण!
भगवान श्रीकृष्ण पूर्णावतार हैं…. उनकी श्रेष्ठता, कृतज्ञता शब्दों में व्यक्त करना हम जैसे सामान्य व्यक्तियों के लिए असंभवसी बात है
श्री कृष्ण का स्मरण कितने सारे विचार एक साथ ले कर आता है…. एक तरफ यह हमें श्री कृष्ण की मनोहारी लीलाओं का संस्मरण करवाता है तो दूसरी तरफ उन लीलाओं के गूढ़ अर्थ को समझने को ललचाता भी है
भक्त श्री कृष्ण के लोकनायक, संघर्ष, शील, पुरुषार्थी, कर्मयोगी व युगांधर होने के महत्व को प्रतिपादित करता है
सोलह कला युक्त श्री कृष्ण का अवतार सचमुच ही अद्भुत, सीमारहित, व्याख्या से परे है
नाम हरि का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा
अपने अपने गुरुदेव की जय
श्री कृष्णाय समर्पणं