बीज मन्त्रों के रहस्य भाग 1



शास्त्रों में अनेकों बीज मन्त्र कहे हैं, आइये बीज मन्त्रों का रहस्य जाने

१👉 “क्रीं” इसमें चार वर्ण हैं! [क,र,ई,अनुसार] क–काली, र–ब्रह्मा, ईकार–दुःखहरण।
अर्थ👉 ब्रह्म-शक्ति-संपन्न महामाया काली मेरे दुखों का हरण करे।

२👉 “श्रीं” चार स्वर व्यंजन [श, र, ई, अनुसार]=श-महालक्ष्मी, र-धन-ऐश्वर्य, ई तुष्टि, अनुस्वार– दुःखहरण।
अर्थ👉 धन- ऐश्वर्य सम्पति, तुष्टि-पुष्टि की अधिष्ठात्री देवी लाष्मी मेरे दुखों का नाश कर।

३👉 “ह्रौं” [ह्र, औ, अनुसार] ह्र-शिव, औ-सदाशिव, अनुस्वार–दुःख हरण।
अर्थ👉 शिव तथा सदाशिव कृपा कर मेरे दुखों का हरण करें।

४👉 “दूँ” [ द, ऊ, अनुस्वार]-द दुर्गा, ऊ–रक्षा, अनुस्वार करना।
अर्थ👉 माँ दुर्गे मेरी रक्षा करो, यह दुर्गा बीज है।

५👉 “ह्रीं” यह शक्ति बीज अथवा माया बीज है।
[ह,र,ई,नाद, बिंदु,] ह-शिव, र-प्रकृति,ई-महामाया, नाद-विश्वमाता, बिंदु-दुःख हर्ता।
अर्थ👉 शिवयुक्त विश्वमाता मेरे दुखों का हरण करे।

६👉 “ऐं” [ऐ, अनुस्वार]– ऐ- सरस्वती, अनुस्वार-दुःखहरण।
अर्थ👉 हे सरस्वती मेरे दुखों का अर्थात अविद्या का नाश कर।

७👉 “क्लीं” इसे काम बीज कहते हैं![क, ल,ई अनुस्वार]-क-कृष्ण अथवा काम,ल-इंद्र,ई-तुष्टि भाव, अनुस्वार-सुख दाता।

अर्थ👉 कामदेव रूप श्री कृष्ण मुझे सुख-सौभाग्य दें।

८👉 “गं” यह गणपति बीज है। [ग, अनुस्वार] ग-गणेश, अनुस्वार-दुःखहरता।
अर्थ👉 श्री गणेश मेरे विघ्नों को दुखों को दूर करें।

९👉 “हूँ” [ ह, ऊ, अनुस्वार]-ह–शिव, ऊ- भैरव, अनुस्वार– दुःखहरता] यह कूर्च बीज है।
अर्थ👉 असुर-सहारक शिव मेरे दुखों का नाश करें।

१०👉 “ग्लौं” [ग,ल,औ,बिंदु]-ग-गणेश, ल-व्यापक रूप, आय-तेज, बिंदु-दुखहरण।
अर्थात👉 व्यापक रूप विघ्नहर्ता गणेश अपने तेज से मेरे दुखों का नाश करें।

११👉 “स्त्रीं” [स,त,र,ई,बिंदु]-स-दुर्गा, त-तारण, र-मुक्ति, ई-महामाया, बिंदु-दुःखहरण।
अर्थात👉 दुर्गा मुक्तिदाता, दुःखहर्ता,, भवसागर-तारिणी महामाया मेरे दुखों का नाश करें।

१२👉 “क्षौं” [क्ष,र,औ,बिंदु] क्ष-नरीसिंह, र-ब्रह्मा, औ-ऊर्ध्व, बिंदु-दुःख-हरण।
अर्थात👉 ऊर्ध्व केशी ब्रह्मस्वरूप नरसिंह भगवान मेरे दुखों कू दूर कर।

१३👉 “वं” [व्, बिंदु]व्-अमृत, बिंदु दुःखहरत।
[इसी प्रकार के कई बीज मन्त्र हैं] [शं-शंकर, फरौं-हनुमत, दं-विष्णु बीज, हं-आकाश बीज,यं अग्नि बीज, रं-जल बीज, लं पृथ्वी बीज, ज्ञं–ज्ञान बीज, भ्रं भैरव बीज।
अर्थात👉 हे अमृतसागर, मेरे दुखों का हरण कर।

१४👉 कालिका का महासेतु👉 “क्रीं”,
त्रिपुर सुंदरी का महासेतु👉 “ह्रीं”,
तारा का👉 “हूँ”,
षोडशी का👉 “स्त्रीं”,
अन्नपूर्णा का👉 “श्रं”,
लक्ष्मी का “श्रीं”

१५👉 मुखशोधन मन्त्र निम्न हैं।
गणेश👉 ॐ गं
त्रिपुर सुन्दरी👉 श्रीं ॐ श्रीं ॐ श्रीं ॐ।
तारा👉 ह्रीं ह्रूं ह्रीं।
स्यामा👉 क्रीं क्रीं क्रीं ॐ ॐ ॐ क्रीं क्रीं क्रीं।
दुर्गा👉 ऐं ऐं ऐं।
बगलामुखी👉 ऐं ह्रीं ऐं।
मातंगी👉 ऐं ॐ ऐं।
लक्ष्मी👉 श्रीं।
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Many beej mantras have been said in the scriptures, let us know the secret of beej mantras

1 👉 ′′ Cream ′′ has four letters in it! [K, R, E, according to] K — Kali, R — Brahma, Ikar — sorrow. Meaning 👉 Brahma-Shakti-Samppan Mahamaya Kali abduct my sorrows.

2 👉 “Shri” four vowel consonants [sh, r, e, according] = Sh-Mahalakshmi, R-Dhan-Aishwarya, E-Tushti, Anuswar–Dukhharan. Meaning: Goddess Lakshmi, the presiding deity of wealth, prosperity and satisfaction, destroy my sorrows.

3👉 “Hraun” [according to Hr, Au,] Hr-Shiva, Au-Sadashiva, consonant–remover of suffering. Meaning👉 Shiva and Sadashiva please take away my sufferings.

4 👉 “Give” [d, oo, anuswar]-The Durga, oo — protect, follow. Meaning 👉 Mother Durga protect me, this is Durga seed.

5👉 “Hrim” is the seed of power or the seed of Maya. [H,R,E,Naad, Bindu,] H-Shiva, R-Nature,E-Mahamaya, Naad-Vishvamata, Bindu-Suffering Harta. Meaning👉 May Shiva-containing Visvamata take away my sufferings.

6 👉 “आ” [आई, अनुस्वार]– आई-Saraswati, अनुस्वार-दुखहरण. Meaning 👉 O Saraswati, destroy my sorrows, that is, ignorance.

7👉 “Clean” it is called work seed! [K, L, E Anuswar]- K-Krishna or Kama, L-Indra, E-Tushti Bhav, Anuswar-Happiness Giver.

Meaning 👉 Lord Krishna in the form of Cupid should give me happiness and good luck.

8 👉 ′′ Gam ′′ this is Ganapati seed. [ग, अनुस्वार] ग-गणेश, अनुस्वार-दुखखरता. Meaning 👉 May Shri Ganesh remove my obstacles and sorrows.

9. “I am” [H, O, Anuswar]-H–Shiva, O-Bhairav, Anuswar–sorrow] This is the Kurch seed. Meaning 👉 Asura-Saharak Shiva destroy my sorrows.

10 👉 “Glau” [g, l, au, point]- g-Ganesh, l-broad form, ay-tej, point-dukhharan. That is, Ganesh, the destroyer of all obstacles, destroy my sorrows with his glory.

11👉 “Women” [s, t, r, e, point]-s-Durga, ta-taran, r-mukti, e-mahamaya, point-sorrow. That is, Durga the liberator, the remover of sorrows, may Mahamaya destroy my sorrows.

12👉 “Xaun” [X,R,Au,Bindu] X-Nari Singh, R-Brahma, Au-Urdhva, Bindu-Suffering-Remover. Meaning👉 Urdhva Keshi Brahmasvaroopa Narasimha Lord remove my sufferings.

13👉 “वं” [व, बिंदु] व-nectar, point of sorrow. [There are many beej mantras of this type] [Sham-Shankar, Pharaoh-Hanumat, Dam-Vishnu Beej, Ha-Akash Beej, Yam Agni Beej, Ran-Water Beej, La Prithvi Beej, Gyan–Knowledge Beej, Bhram Bhairav ​​Beej . That is, O Amritsagar, take away my sorrows.

14👉 Great Bridge of Kalika👉 “Krin”, Mahasetu of Tripura Sundari👉 “Hrin”, Tara’s👉 “I am”, of the sixteenth👉 “women”, Annapurna’s👉 “Shram”, “Shri” of Lakshmi

15👉 The following are the mantras for cleansing the mouth. Ganesha👉 Om Gm Tripura Sundari👉 Sri Om Sri Om Sri Om. Star👉 Hrin Hrun Hrin. Syama👉 Crim Crim Crim Om Om Om Crim Crim Crim. Durga👉 Ain Ain Ain. Bagalamukhi👉 Ain Hrin Ain. Matangi👉 Aim Om Aim. Lakshmi👉 Sri. 〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰

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