श्रील रूप गोस्वामी जी ने अपने पदावली में लिखा है कि
“जब कोई जीव “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे” का रटन करना प्रारंभ करता है तो उसके साथ तीन घटना घटित होती
है।
1: यम महाराज चित्रगुप्त जी को बुलाकर कहते है कि
इस व्यक्ति का नाम रजिस्टर से काट दो अब यह हमारे
लोक में नही आएगा।
2: ब्रह्मा जी आरती की थाली सजाना प्रारंम्भ कर देते
है कि जब वह गोलोक धाम जायेगा तो हमारे लोक से
होता जायेगा फिर मैं उसकी आरती करके धन्य हो
जाऊंगा।
3: श्रीमती राधिकाजी अपनी सखी को आदेश देती
है, की इस व्यक्ति का नाम अपने रजिस्टर में लिख लो,
अब इसका गोलोक आना तय हो गया है।
सोचिए आप कल्पना भी नही कर सकते है कि…
आप कितने भाग्यवान है जों आपके लिए इतने लोग
इंतज़ार में खड़े है
श्री कृष्ण भगवान ने अर्जुन से कहा
“मेरा नाम उसी जीव के जिहा पर आ सकता है,जो अपने
पिछले 100 जन्मों तक मेरी पूजा अर्चना किया
होगा”
इससे आप अनुमान लगाए की आप कितने
जन्मों से कृष्ण भक्त है जिसके कारण आज आपको
महामन्त्र “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे” कहने और सुनने का
अवसर मिला है।
अतः आप अपने भाग्य को सराहते हुए गुरु के
शब्दों पर श्रद्धा रखकर श्री हरिनाम संकीर्तन कीजिए।
_”हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे 📿 हरे राम
हरे राम राम राम हरे हरे
महामंत्र कीं जय जय