ॐ नमो भगवते सदाशिवाय।
सकलतत्त्वात्मकाय
सर्वमन्त्रस्वरूपाय
सर्वयन्त्राधिष्ठिताय
सर्वतन्त्रस्वरूपाय
सर्वतत्त्वविदूराय ब्रह्मरुद्रावतारिणे
नीलकण्ठाय पार्वतीप्रियाय
सोमसूर्याग्निलोचनाय
भस्मोद्धूलितविग्रहाय
महामणिमुकुटधारणाय
माणिक्यभूषणाय
सृष्टिस्थितिप्रलयकालरौद्रावताराय
दक्षाध्वरध्वंसकाय
महाकालभेदकाय
मूलाधारैकनिलयाय
तत्त्वातीताय गङ्गाधराय
सर्वदेवाधिदेवाय षडाश्रयाय
वेदान्तसाराय
त्रिवर्गसाधनायानेककोटिब्रह्माण्डनायकायानन्त-
वासुकितक्षककर्कोटकशङ्खकुलिकपद्ममहा-
पद्मेत्यष्टनागकुलभूषणाय प्रणवस्वरूपाय
चिदाकाशायाकाशादिस्वरूपाय ग्रहनक्षत्रमालिने
सकलाय कलङ्करहिताय
सकललोकैककर्त्रे
सकललोकैकसंहर्त्रे
सकललोकैकभर्त्रे
सकललोकैकसाक्षिणे
सकलनिगमेड्याय
सकलवेदान्तपारगाय
सकललोकैकवरप्रदाय
सकललोकैकशङ्कराय
शशाङ्कशेखराय
शाश्वतनिजावासाय
निराभासाय निरामयाय
निर्मलाय निर्लोभाय निर्मोहाय
निर्मदाय निश्चिन्ताय
निरहङ्काराय निराकुलाय
निष्कलङ्काय निर्गुणाय
निष्कामाय निरूपप्लवाय
निरवद्याय निरन्तराय
निष्कारणाय निरातङ्काय
निष्प्रपञ्चाय निस्सङ्गाय
निर्द्वन्द्वाय निराधाराय नीरोगाय
निष्क्रोधाय निर्गमाय
निष्पापाय निर्भयाय निर्विकल्पाय
निर्भेदाय निष्क्रियाय
निस्तुलाय निस्संशयाय
निरञ्जनाय निरूपमविभवाय
नित्यशुद्धबुद्धपरिपूर्णसच्चिदानन्
दादृश्याय
परमशान्तस्वरूपाय
तेजोरूपाय तेजोमयाय
जय जय महारौद्रभद्रावतार
महाभैरव कालभैरव
कल्पान्तभैरव
कपालमालाधर
खट्वाङ्ग-खड्ग-पाशाङ्गङ्कुशडमरू-त्रिशूल-
चाप-बाण-गदा-शक्ति-भिन्दिपाल- तोमर-मुसल-मुद्गर-
पट्टिश-परशु-परिघ-भुशुण्डी-शतघ्नी-चक्राद्यायुध-
भीषणकरसहस्रमुख-दंष्ट्राकराल
विकटाट्टहासविस्फारित
ब्रह्माण्डमण्डलनागेन्द्रकुण्डलनागेन्द्रहारनागेन्द्रवलय
नागेन्द्रचर्मधर मृत्युञ्जय त्र्यम्बक त्रिपुरान्तक विरूपाक्ष
विश्वेश्वरविश्वरूप वृषवाहन
विश्वतोमुख
सर्वतो मां रक्ष रक्ष ज्वल ज्वल
महामृत्युभयमपमृत्युभयं नाशय
नाशय रोगभयमुत्सादयोत्सादय
विषसर्पभयं शमय शमय
चौरान् मारय मारय
मम शत्रूनुच्चाटयोच्चाटय
त्रिशूलेन विदारय विदारय
कुठारेण भिन्धि भिन्धि
खड्गेन छिन्धि छिन्धि
खट्वाङ्गेन विपोथय
मुसलेन निष्पेषय निष्पेषय बाणैः
सन्ताडय रक्षांसि भीषय भीषय
भूतानि विद्रावय विद्रावय
कूष्माण्ड-वेताल-मारीच-ब्रह्मराक्षस-
गणान् सन्त्रासय सन्त्रासय
मामभयं कुरु कुरु वित्रस्तं मामाश्वासय
नरकभयाद् मामुद्धरोद्धर
सञ्जीवय सञ्जीवय क्षुत्तृड्भ्यां
मामाप्याययाप्यायय दुःखातुरं
मामानन्दयानन्दय
शिवकवचेन मामाच्छादयाच्छादय
मृत्युञ्जय त्र्यम्बक सदाशिव
नमस्ते नमस्ते नमस्ते स्वाहा।।
।। इति सहस्राक्षर- मृत्युञ्जय-मालामन्त्रः सम्पूर्णः ।।