एक बार सूरदासजी किसी भजन कीर्तन में जाने के लिए रास्ते से होकर जा रहे थे। सूरदासजी तो अंधे थे, इसलिए वो अपनी लाठी लेकर जा रहे थे। तभी अचानक हवा पलटी और सूरदासजी रास्ता भटक गए और एक कुएं में गिर गए और लटक गए। अब सूरदासजी ने कुएं में ही कीर्तन शुरू कर दिया। सूरदासजी की सरलता को देखकर भगवान एक बालक का रूप लेकर आये और सूरदासजी को कहा बाबा! आप मेरा हाथ पकड़ लो। सूरदासजी समझ गए, आ गए मेरे गिरधर गोपाल।
सूरदासजी कहते हैं मैं तो अँधा हूँ मुझे आपका हाथ कहाँ दिखेगा। लेकिन आपको तो मेरा हाथ पता हैं तो आप ही मेरा हाथ पकड़ लीजिये। अब सूरदासजी का भगवान ने हाथ पकड़ लिया और सूरदास जी को बाहर लेकर आ गए। अब सूरदासजी ने भगवान का हाथ पकड़ लिया। बालक ने कहा छोड़ो मुझे! छोड़ दो बाबा! सूरदासजी ने कहा भगवन बड़ी मुश्किल से तो आप मिले हैं। आपको कैसे छोड़ दूं। अब मैं आपको नहीं छोडूंगा। भगवान जैसे ही हाथ छुड़ाकर जाने लगे तो राधा रानी वहां प्रकट हो गयी। सूरदास जी ने माता को भी पहचान लिया। भगवान श्री कृष्ण राधा को रोकने लगे। मत जाओ! बाबा पकड़ लेगा, मत जाओ!
सूरदासजी ने राधा रानी के पैर पकड लिए और उनके हाथ में उनकी पायल आ गयी। तब राधा रानी सूरदासजी की भक्ति से प्रसन्न होकर उनको आंखे लौटा दी। सूरदासजी ने जी भर कर हरि और राधा रानी को देखा। सूरदास जी ने भगवन से कहा मुझे एक और वरदान दीजिए! आप मुझे वापस अंधा कर दीजिये।
अब मैंने आपको देख लिया। अब मुझे इस आँखों से और किसी को नहीं देखना हैं।
राधे राधे❤️🙏
Once Surdasji was passing through the road to go to some bhajan kirtan. Surdasji was blind, so he was carrying his stick. Then suddenly the wind changed and Surdasji lost his way and fell into a well and hanged. Now Surdasji started kirtan in the well itself. Seeing the simplicity of Surdasji, God came in the form of a child and said to Surdasji, Baba! you hold my hand Surdasji understood, my Girdhar Gopal has come. Surdasji says that I am blind, where will I see your hand. But you know my hand, so hold my hand yourself. Now God took hold of Surdasji’s hand and brought Surdasji out. Now Surdasji held the hand of God. The child said leave me! Leave it baba! Surdasji said that God has met you with great difficulty. how can i leave you I won’t leave you now. As soon as God started leaving his hand, Radha Rani appeared there. Surdas ji also recognized the mother. Lord Shri Krishna started stopping Radha. do not go! Baba will catch you, don’t go! Surdasji caught Radha Rani’s feet and her anklet came in his hand. Then being pleased with the devotion of Radha Rani Surdasji returned her eyes. Surdasji looked at Hari and Radha Rani with all his heart. Surdas ji said to God, give me one more boon! you blind me back Now I have seen you. Now I don’t want to see anyone else with these eyes.
Radhe Radhe ❤️🙏