*प्रार्थना की शक्ति*

प्रार्थना में इतनी शक्ति होती है कि वह परमात्मा के सिंहासन को भी हिला सकती है। “प्रार्थना का मोल और उसकी शक्ति केवल भगवान ही जानते हैं।
वास्तव में प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है।चाहे वो एक घंटे की हो या एक मिनट की ।
यदि सच्चे मन से प्रार्थना की जाये ,तो ईश्वर अवश्य सहायता करते हैं।अक्सर लोगों के पास ये बहाना होता है ,कि हमारे पास वक्त नहीं।लेकिन जब वे मुसीबत में होते हैं तो ईश्वर की ही शरण मे जाते हैं।मगर सच तो ये है कि ईश्वर को याद करने का कोई समय नहीं होता !प्रार्थना के द्वारा मन के विकार दूर होते हैं, और
एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।जीवन की कठिनाइयों का सामना करने का बल मिलता है।
ज़रूरी नहीं कि कुछ मांगने के लिए ही प्रार्थना की जाये।
जो हमारे पास है उसका धन्यवाद करना चाहिए।इससे हमारे अन्दर का अहम् नष्ट होगा और एक कहीं अधिक समर्थ व्यक्तित्व का निर्माण होगा।प्रार्थना करते समय मन को ईर्ष्या,द्वेष,क्रोध घृणा जैसे विकारों से मुक्त रखें।
प्रातः काल दैनिक प्रार्थना को जीवन का एक अनिवार्य अंग अवश्य बनाना चाहिए।
इससे न केवल शक्ति मिलेगी बल्कि बुराई या अकर्म के प्रति आसक्ति भी कम होगी.।.पढिये प्रार्थना की अदभुत शक्ति।
एक वृद्ध महिला एक सब्जी की दुकान पर जाती है, उसके पास सब्जी खरीदने के पैसे नहीं होते हैं।
वो दुकानदार से प्रार्थना करती है कि उसे सब्जी उधार दे दे……पर दुकानदार मना कर देता है।उसके बार बार आग्रह करने पर दुकानदार खीज कर कहता है, ” तुम्हारे पास कुछ ऐसा है , जिसकी कोई कीमत हो , तो उसे इस तराजू पर रख दो, मैं उसके वज़न के बराबर सब्जी तुम्हे दे दूंगा.”
वृद्ध महिला कुछ देर सोच में पड़ जाती है. उसके पास ऐसा कुछ भी नहीं था।
कुछ देर सोचने के बाद वह ,
अपने बैग में से एक मुड़ा तुड़ा कागज़ का टुकड़ा निकालती है और उस पर कुछ लिख कर तराजू पर रख देती है।
दुकानदार ये देख कर हंसने लगता है…..फिर भी वह थोड़ी सब्जी उठाकर तराजू पर रखता है.
आश्चर्य…!!!कागज़ वाला पलड़ा नीचे रहता है और सब्जी वाला ऊपर उठ जाता है।इस तरह वो और सब्जी रखता जाता है पर कागज़ वाला पलड़ा नीचे नहीं होता.।
तंग आकर दुकानदार उस कागज़ को उठा कर पढता है और हैरान रह जाता है 😳
कागज़ पर लिखा था…
“हे श्री कृष्ण, तुम सर्वज्ञ हो,
अब सब कुछ तुम्हारे हाथ में है,..”
दुकानदार को अपनी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था.
वो उतनी सब्जी वृद्ध महिला को दे देता है।दुकान दार को भी प्रार्थना की शक्ति का अनुभव हो जाता है।जय जय श्री राधेकृष्ण जी।श्री हरि आपका कल्याण करें।

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