बादशाह होनेके पश्चात् एक बार किसीने हसनसे पूछा- ‘आपके पास न तो पर्याप्त धन था और न सेना थी, फिर आप सुलतान कैसे हो गये ?’ हसनने उत्तर दिया- ‘मित्रोंके प्रति मेरा सच्चा प्रेम, शत्रुके प्रति भी मेरी उदारता और प्रत्येक मनुष्यके प्रतिमेरा सद्भाव – इतनी सामग्री क्या सुलतान होनेके लिये पर्याप्त नहीं है ?’ उन्नतिकी कामना रखनेवाले प्रत्येक व्यक्तिके लिये हसनका यह सूत्र स्वर्णसूत्र ही है।
– सु0 सिं0
After becoming the emperor, once someone asked Hasan- ‘You neither had enough money nor army, then how did you become a Sultan?’ Hasan replied – ‘My true love for friends, my generosity even towards enemies and goodwill towards every human being – are these ingredients not enough to be a Sultan?’ Hasan’s formula is the golden formula for every person who wishes for progress.