देशभक्ति

monk sitting buddhist

‘इंगलैंड नैपोलियन बोनापार्टकी निरंकुशता नहीं सह सकता है। माना, फ्रेंच क्रान्तिकारियोंने समता, स्वतन्त्रता और बन्धुताका प्रकाश फैलाया, पर नैपोलियनने अपनी साम्राज्यवादी कुत्सित मनोवृत्तिसे उसे कलङ्कित कर दिया है। इंगलैंडके सामुद्रिक बेड़ेपर महावीर नेलशनने पैर रखे। नेलशनका प्रण था कि या तो इससामुद्रिक युद्धमें नैपोलियन हारेगा या मैं मृत्युका वरण कर लूँगा। स्पेन और फ्रांसकी सेनाएँ दहल उठीं। समुद्रकी नीली नीली उत्ताल तरङ्गोंके वक्ष चीरकर अंग्रेजी बेड़ा आगे बढ़ रहा था; ‘इंगलैंड अपने प्रत्येक निवासीसे कर्तव्य पालनकी आशा करता है।’ – यह उसकी पताकापर अङ्कित था l’हाय हार्डी! शत्रुओंने मेरा काम तमाम कर दिया।’ नेलशन शत्रुकी गोली से घायल होकर लुढ़क पड़ा। जहाजके कप्तान हार्डीने उसे निम्नकक्षमें रखा। ‘धाँय धाँय’ चारों ओर गोलियाँ बरसने लगीं।

‘हमारे वीर क्या कर रहे हैं, हार्डी? इंगलैंडका मुख सदा उज्ज्वल रहेगा, उनसे कहो।’ नेलशन अन्तिम श्वासें ले रहा था।

‘शत्रुके पंद्रह जहाजोंने झंडे झुका दिये।’ हार्डीने युद्धकी गति विधिपर प्रकाश डाला।

‘बहुत अच्छा हुआ। भगवान्की कृपा है, हार्डी!बीस जहाजोंका सौदा किया था मेरे प्राणोंने। इंगलैंड । विजयी होगा।’ नेलशन अचेत हो रहा था। अचानक उसकी आँखोंके सामने अँधेरा छा गया।

अङ्ग-अङ्गमें भयानक वेदना और पीड़ा थी। ‘मुझे विदा दो, हार्डी! भगवान्‌की कृपासे मैंने अपना कर्तव्य पालन किया। मेरा काम पूरा हो गया।’ नेलशन दो-तीन श्वास शेष थे। हार्डीने उसका हाथ चूमा और नयनोंसे अश्रुपात होने लगा ।

‘ईश्वर! धन्यवाद है !! मेरा काम पूरा हो गया।’ नेलशनके प्राण निकल गये ।

– रा0 श्री0

‘England cannot tolerate the despotism of Napoleon Bonaparte. Agreed, the French revolutionaries spread the light of equality, freedom and fraternity, but Napoleon has tarnished it with his imperialistic sick attitude. Mahavir Nelson set foot on the naval fleet of England. Nelson had vowed that either Napoleon would be defeated in this naval battle or he would die. The armies of Spain and France were shaken. The English fleet was moving forward by ripping the chest of the blue blue convex waves of the sea; ‘England expects a duty from each of its inhabitants.’ – It was inscribed on his pennant l’Hi Hardy! The enemies have completed my work. Nelson fell wounded by an enemy bullet. Captain Hardy of the ship put him in the lower room. Bullets started raining all around.
‘What are our heroes doing, Hardy? England’s face will always be bright, tell them.’ Nelson was taking his last breaths.
‘Fifteen enemy ships lowered their flags.’ Hardy threw light on the speed method of warfare.
‘Very nice. God bless, Hardy! My life had traded for twenty ships. England. Will be victorious. Nelson was fainting. Suddenly there was darkness in front of his eyes.
There was terrible pain and suffering in every limb. ‘Send me off, Hardy! By the grace of God, I did my duty. My work is done. Nelson had two or three breaths left. Hardy kissed her hand and tears welled up in her eyes.
‘god! Thank you!! My work is done. Nelson lost his life.
– Ra0 Mr.0

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *