ब्यास मे एक मीटिंग हुई
बाहर एक देश से एक माता आई हुईं थी- बाबा जी आपकी हस्ती
की है साथ ही कहा मुझे लंबी चौडी बात मे नही एक ही शब्द मे
कहो
बाबा जी- माता जी मे एक सेवा दार हूं।
जब माता जी ने इनका बात सुनी तो उनकी आँखो मे आँसू आने
लगे जेसै किसी ने नल कि टूटी खोली हो।
बाबा जी- माता जी आपको पता मैं सेवा दार केसै बना।जब
हुजूर ने चोला छोड़ने का फैसला किया तो मुझे आपने पास
बुलाया कहने लगे मेरा एक काम करेगा मेनै कहा यदि मेरे लायक
होगा तो जरूर करूगा।
हुज़ूर कहने लगे अब! मेरी भोली भाली संगत को तू संभालना है मे
वहाँ से उठ के चला गया । मुझे हूजर ने पीछे से आवज़ मारी कहने लगे
भाई जे मेरा हुकम हे। जब उन्होंने हुकम किया तो उनका हुकम मुझ
से टाला नही गाया। आज हुकम निभाने की कोशिश कर रहा
हूँ…..SAGGU 🌹👈🏻
Radha soami ji..!!
संगत को तू संभालना
- Tags: व्यास माता जी, संगत संभालना
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