अच्छे काम करके, दुसरो को खुश करके, कठोर परिश्रम करके आपको जो सन्तोष मिलेगा, वही तुम्हारी सबसे बड़ी खुशी होगी।
सबसे बड़ी खुशी वह होती है जो कुछ खोकर पाई जाती है।
ध्यान रहे कुछ न कुछ देते रहने से बरकत बनी रहती है।
ज्यादा बकवास और झूठ सगे भाई है।
क्षमा, सहानुभूतुपूर्ण सेवा और शांतिप्रियता_ ये तीन गुण ऐसे है जिनसे आप सबको वश में कर सकते है, जिनके मन शांत है, क्रोध व ईष्र्या नफ़रत से रहित है, जो दूरदर्शी नजर रखते है और गुजरे हुए का शोक नही करते, अपनी आय से कम खर्च करते है, जरूरी खर्च में कंजूसी नहीं करते और फालतू एक पैसा भी खर्च नहीं करते, समय की कीमत समझते है, जो काम करने और बोलने से पहले सोच लेते है, अपनी पूरी क्षमता से कर्तव्य का पालन करते है और परिणाम की चिंता नहीं करते वे स्वयं तो सुखी रहते ही है औरों को भी सुख देने वाले होते है।
जीवन को समय व्यतीत करने का जरिया मत बनाइए जो कुदरत के उसूल है उन पर चलना ही होगा अपना तमाशा मत बनाइए घर परिवार में भी उच्च विचारों के साथ ग्रंथो का महत्व बताए शुरुवाती ज्ञान ही आगे चलकर अनुभव बनता है ऊंचे संस्कार ही उच्च कोटि की पाठशाला है!
यदि सम्बध थोड़े समय रखना है तो मीठे बनिये और लम्बे समय रखना हो तो स्पष्ट बनिये क्योकि जिंदगी उसी के साथ खेलती है जो अच्छा खिलाड़ी है!