सुनो टेर मेरी

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सुनो टेर मेरी, अहो कृष्ण प्यारे

कनक पाट खोलो, हैं द्वारे पे आये

सुना है पतितों को पावन बनाते

सुना है कि दुखियों को हृदय से लगाते

यही आस ले दासी द्वारे पे आई

सुनो टेर मेरी, अहो कृष्ण प्यारे

कनक पाट खोलो, हैं द्वारे पे आये

सुना हमनें मुरली की है तान प्यारी

सुना है कि मोहनी मूरत तुम्हारी

दरश दीजिये हमको बांके बिहारी

सुनो टेर मेरी, अहो कृष्ण प्यारे

कनक पाट खोलो, हैं द्वारे पे आये

सुना है कि गोपिन से माखन चुराते

सुना है कि नित बन में रास रचाते

यही ढूंढते हैं ये लोचन हमारे

सुनो टेर मेरी, अहो कृष्ण प्यारे

कनक पाट खोलो, हैं द्वारे पे आये




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