भगवान श्रीरामचन्द्र जी के प्राकट्य दिवस की बधाई हो

🍃 भगवान श्रीरामचन्द्र जी के प्राकट्य दिवस की बहुत बहुत⚘ बधाई हो
दीनों पर दया करने वाले, कौसल्या जी के हितकारी कृपालु प्रभु प्रकट हुए। मुनियों के मन को हरने वाले उनके अद्भुत रूप का विचार करके माता हर्ष से भर गई। नेत्रों को आनंद देने वाला मेघ के समान श्याम शरीर था, चारों भुजाओं में अपने खास आयुध धारण किए हुए थे, दिव्य आभूषण और वनमाला पहने थे, बड़े-बड़े नेत्र थे। इस प्रकार शोभा के समुद्र तथा खर राक्षस को मारने वाले भगवान प्रकट हुए॥
दोनों हाथ जोड़कर माता कहने लगी- हे अनंत! मैं किस प्रकार तुम्हारी स्तुति करूँ। वेद और पुराण तुम को माया, गुण और ज्ञान से परे और परिमाण रहित बतलाते हैं। श्रुतियाँ और संतजन दया और सुख का समुद्र, सब गुणों का धाम कहकर जिनका गान करते हैं, वही भक्तों पर प्रेम करने वाले लक्ष्मीपति भगवान मेरे कल्याण के लिए प्रकट हुए हैं॥
वेद कहते हैं कि तुम्हारे प्रत्येक रोम में माया के रचे हुए अनेकों ब्रह्माण्डों के समूह भरे हैं। वे तुम मेरे गर्भ में रहे- इस हँसी की बात के सुनने पर धीर विवेकी पुरुषों की बुद्धि भी स्थिर नहीं रहती विचलित हो जाती है। जब माता को ज्ञान उत्पन्न हुआ, तब प्रभु मुस्कुराए। वे बहुत प्रकार के चरित्र करना चाहते हैं। अतः उन्होंने पूर्व जन्म की सुंदर कथा कहकर माता को समझाया, जिससे उन्हें पुत्र का वात्सल्य प्रेम प्राप्त हो भगवान के प्रति पुत्र भाव हो जाए॥
माता की वह बुद्धि बदल गई, तब वह फिर बोली- हे तात! यह रूप छोड़कर अत्यन्त प्रिय बाललीला करो, मेरे लिए यह सुख परम अनुपम होगा। माता का यह वचन सुनकर देवताओं के स्वामी सुजान भगवान ने बालक रूप होकर रोना शुरू कर दिया।
तुलसीदासजी कहते हैं- जो इस चरित्र का गान करते हैं, वे श्री हरि का पद पाते हैं और फिर संसार रूपी कूप में नहीं गिरते॥
💝 श्री सीताराम जी 💝
माता-पिता आप हमारे❗हम शरण में है आपकी‼
🙏🌹जय जय श्री राधा-रमण जी🌹🙏



🍃 Many congratulations on the appearance day of Lord Shriramchandra ji. The kind Lord who has mercy on the downtrodden, the benefactor of Kausalya ji appeared. The mother was filled with joy thinking of his wonderful form which defeated the minds of the sages. He had a dark body like a cloud, giving pleasure to the eyes, wearing his special weapons in all four arms, wearing divine ornaments and garlands, had big eyes. In this way, the God who killed the ocean of beauty and the Khar demon appeared. Mother started saying with folded hands – O Anant! How can I praise you The Vedas and the Puranas tell you that you are beyond illusion, qualities and knowledge and without dimension. Whom Shrutis and saints praise as the ocean of mercy and happiness, the abode of all virtues, the Lord Lakshmipati, who loves the devotees, has appeared for my welfare. The Vedas say that each of your hairs is filled with clusters of many universes created by Maya. You remained in my womb – on hearing this laughter, even the intellect of patient and prudent men does not remain stable, it gets distracted. When the mother got knowledge, then the Lord smiled. They want to do a variety of characters. Therefore, he explained to the mother by telling a beautiful story of her previous birth, so that she may get the affection of her son and become a son towards God. That intelligence of the mother changed, then she again said – Oh father! Leave this form and perform very dear ballleela, this happiness will be very unique for me. Hearing these words of the mother, Sujan Bhagwan, the lord of the gods, started crying in the form of a child. Tulsidasji says- Those who sing this character, they get the post of Shri Hari and then do not fall in the well of the world. 💝 Shri Sitaram ji 💝 Parents, you are our ❗We are in your shelter‼ 🙏🌹 Jai Jai Shri Radha-Raman ji 🌹🙏

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