
भगवान नाम विकारों की जङ को जङ से खत्म कर देता है 2
परमात्मा जी को हाथ जोड़ कर अन्तर्मन से प्रणाम करता है। नैनो में नीर समा जाता है। वाणी गद गद
परमात्मा जी को हाथ जोड़ कर अन्तर्मन से प्रणाम करता है। नैनो में नीर समा जाता है। वाणी गद गद
हमारे मन से धीरे धीरे संसार छुटने लगता है । हमे परमात्मा के नाम का जब भी समय मिले चिन्तन
अध्यात्मवाद दिल में छुपा हुआ है। ग्रंथ और गुरु हमे मार्ग बताते हैं मार्ग पर हमें स्वयं ही कदम बढ़ाने
साधक परमात्मा से बात करते हुए कहता है कि हे परमात्मा जी ये हाड मास की काया है। मुझे इस