भगवान नाम प्रेम श्रद्धा का स्त्रोत
भगवान नाम, भजन कीर्तन में प्रेम विस्वास और श्रद्धा छीपी हुई है। प्रेम विस्वास श्रद्धा और आन्नद हमे बाहरी बाजार
भगवान नाम, भजन कीर्तन में प्रेम विस्वास और श्रद्धा छीपी हुई है। प्रेम विस्वास श्रद्धा और आन्नद हमे बाहरी बाजार
रूह को तो परम पिता परमात्मा का नाम चिंतन और वन्दन ही सजा सकता है। हमे परमात्मा के चिन्तन में
इस शरीर से ही हम परम तत्व परमात्मा तक पहुंचते हैं अध्यात्म के मार्ग में करके देखने पर स्वयं ही
हमारे धर्म शास्त्र कहते हैं कि तु भोजन करता है तब तेरे 32 दांत है हरे राम हरे राम राम
हो मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएँगे श्याम आएँगे। आज मेरा दिल इन पंक्तियों पर लिख रहा है। मुझे
भक्त के प्रत्येक कार्य में समय सीमा अपना पन लगन और सत्यता भी निहीत हैं। भगवान् दिल की गहराई और
कुछ समय हमें ठहरना आ जाए। जब हम ठहरने का अभ्यास करेंगे तब वह दिन दूर नहीं हमे भगवान से
भगवान को सच्चे मन से ध्याए बैगर प्रार्थना के बोल नहीं बनते हैं। भक्त भगवान से प्रार्थना तभी करता है।
भगवान ने हमारे दिलों में दर्शन की तङफ जागृत की है। भगवान का यह हमारे लिए सबसे बड़ा प्रसाद है
एक सच्चे भक्त की पुकार कहती हैं कि हे प्रभु तु मुझे ऐसे ही दर्शन मत दे देना। मै कुटील