
भगवान देख रहा
हे परमात्मा जी मै कहती। भगवान् देख रहा है। मै जब भीघर में कार्य करती मेरा अन्तर्मन पुकारता भगवान् देखरहा
हे परमात्मा जी मै कहती। भगवान् देख रहा है। मै जब भीघर में कार्य करती मेरा अन्तर्मन पुकारता भगवान् देखरहा
मोहन शान्त भाव में बैठा हुआ है जगदीश उसमे कैसे विचार डालना चाहता है। जगदीश उसमे विचार की झलक एक
एक भक्त आत्मचिंतन करते हुए अपने आप से बात कररहा है देख जब तक शरीर में आत्मा है तब तकप्राण
महाकुंभ साधू संतो तपस्वी त्यागीयो का महा स्नान 13 जनवरी को चार पांच लाख साधु महाकुंभ में स्नान करेगें हम
हमारे जीवन का लक्ष्य जीवनकाल में अन्तर यात्रा को करना है। अन्तर यात्रा का अर्थ है अपने भीतर की यात्रा
सैर करन को चली गौरां जीनारद मुनि ने दी मती, कहे गौरां जी हमें सुना दो, अमर कथा शिव मेरे
हम जीवन में रस चाहते हैं रस हमारा स्वास्थ्य बनाता है रसहमारे जीवन का आधार स्तम्भ है। रस के बैगर
हम जीवन में रस चाहते हैं रस हमारा स्वास्थ्य बनाता है रस हमारे जीवन का आधार स्तम्भ है। रस के
लक्ष्य निर्धारित करे मै प्रभु भगवान को देखना चाहता हूँ। निहारना चाहता हूं भगवान से बात अपने ही विचारों से
हम जीवन में सुख प्राप्ति के अनेक साधन करते हैं हमारे प्रत्येक कर्म और साधना भक्ति के पीछे सुख और