भगवान को देखना चाहता हूं
लक्ष्य निर्धारित करे मै प्रभु भगवान को देखना चाहता हूँ। निहारना चाहता हूं भगवान से बात अपने ही विचारों से
लक्ष्य निर्धारित करे मै प्रभु भगवान को देखना चाहता हूँ। निहारना चाहता हूं भगवान से बात अपने ही विचारों से
राम और लक्ष्मण का दर्शन करते ही राजा जनक का मन प्रेम में मग्न हो गया। उन्होंने विवेक का आश्रय

हम जीवन में सुख प्राप्ति के अनेक साधन करते हैं हमारे प्रत्येक कर्म और साधना भक्ति के पीछे सुख और

नाम में नामी समाया हुआ है। नाम भगवान जितना हृदय में बैठता है नामी हृदय में दस्तक देता है। भगवान

लक्ष्मण भगवान राम के साथ हर क्षण रहते हैं। जंहा राम वंहा लक्ष्मण। भगवान राम के बैगर लक्ष्मण के जीवन

नया क्या है यह कथन पठन पाठन सब थोथा है मन के बहलाव, कहो तो मन को अटकाने का साधन
हम भगवान राम, कृष्ण, हरि, शिव, को कथाओं में ढुंढते है।भजन गाते हैं। रामचरितमानस, भगवद्गीता, भागवत महापुराण को पढते है। मन्दिर

सनक सनंदन सनातन, चौथे सनत्कुमार। ब्रह्मचर्य धारण किया, हुआ प्रथम अवतार ।। वाराहरूप धरके प्रभु, हिरण्याक्ष को मार। पृथ्वी लाये

परमात्मा से मिलन मनुष्य-जन्म में ही संभव है परमात्मा ने सिर्फ इन्सान को ही यह हक़ दिया है यह मनुष्य-शरीर

समुद्र मंथन हम ग्रथों में पढते है समुद्र मंथन हमारे अन्दर ही है। सत्व रज और तम तीनो गुणों का