
आध्यात्मिक लक्ष्यों के प्रति सचेत और एकनिष्ठ रहना उत्तम
।। श्री: कृपा ।।🌿 पूज्य “सद्गुरुदेव” जी ने कहा – सफलता की प्राप्ति के लिए ज्ञान, पुरुषार्थ के अतिरिक्त सही

।। श्री: कृपा ।।🌿 पूज्य “सद्गुरुदेव” जी ने कहा – सफलता की प्राप्ति के लिए ज्ञान, पुरुषार्थ के अतिरिक्त सही

।। श्री: कृपा । पूज्य “सद्गुरुदेव जी ने कहा – अंतःकरण की परिशुद्धि में आहार शुचिता आवश्यक है। वस्तुत: वैचारिक

🔸गुरु की कृपा ही शिष्य का परम मंगल कर सकती है, दूसरा कोई भी नहीं कर सकता है यह प्रमाण

आधुनिक जापान के ज़ेन शिक्षक एक प्रसिद्ध गुरु के वंश से आते हैं जो गुडो का शिष्य था। उसका नाम

यह प्रसंग एक राजा की जिन्दगी का है, उसका नाम था राजा पीपा। उसने दुनिया में जो कुछ इन्सान पाना

।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामभक्त कालिदास पर प्रभु की परम कृपा नैषां मतिस्ताव्दुरुक्रमाङघ्रिंस्पृशत्य नर्थापगमो यदर्थ:महीयसां पादरजोअभिषेकंनिष्किंचनानां न

।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामरघुनाथदास जी का उत्कट वैराग्य य: प्रव्रज्य गृहात् पूर्वं त्रिवर्णवपनात् पुन:।यदि सेवेत तान्

एक बार एक गुरुदेव अपने शिष्य को अहंकार के ऊपर एक शिक्षाप्रद कहानी सुना रहे थे एक विशाल नदी जो

*प्रख्यात संत को उनके तीन जन्मों का दृश्य उनके गुरुदेव ने दिखाया उनमें से प्रथम थे सन्त कबीर, दूसरे समर्थ

21 दिसम्बर सन सत्रह सौ चार…छह महीने से पड़े मुगलों के घेरे को तोड़ कर अपनी चार सौ की फौज