गुरुजन स्वयं आपके पास आते हैं ! वही गुरु, सद्गुरू होते हैं !!
गुरु या सद्गुरु यह विषय खोजने का विषय ही नहीं है !!!गुरु खोजे नही जाते , न ही गुरु ढूंढना
गुरु या सद्गुरु यह विषय खोजने का विषय ही नहीं है !!!गुरु खोजे नही जाते , न ही गुरु ढूंढना
भक्त मोरया गोस्वामी कर्नाटक के एक छोटे से गांव से थे, वे गणेश जी के परम भक्त थे, हर जीव
एक समर्थ गुरु अपने अंतकरण से शिष्य के अंतकरण में अपनी सारी शक्तियां उतार देते हैं, और समय के साथ
श्री गुरुगीता प्रास्ताविक भगवान शंकर और देवी पार्वती के संवाद में प्रकट हुई यह ‘श्रीगुरुगीता’ समग्र ‘स्कन्दपुराण’ का निष्कर्ष है।
सभी देशवासियों कोपावन गुरुपूर्णिमा पर्वकी हार्दिक शुभकामनाएं.! अनंतसंसार समुद्रतार नौका-यिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्याम्।वैराग्यसाम्राज्यदपूजनाभ्यांनमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम्।। कवित्ववाराशिनिशाकराभ्यांदौर्भाग्यदावां बुदमालिकाभ्याम्।दूरिकृतानम्र विपत्ततिभ्यांनमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम्।। नता ययोः
नित्य प्रातः स्मरणीय परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 अन्नदाता जी महाराज बंगलाधाम,घठवाडी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम…..गुरु पूर्णिमा
एक आदमी के घर भगवान और गुरु दोनो पहुंच गये। वह बाहर आया और चरणों में गिरने लगा। वह भगवान
जय गुरुदेव शिष्य और गुरु का रिश्ता बड़ा विचित्र रिश्ता होता है जो भगवान राम ने कृष्ण ने और बड़े-बड़े
रामजी राम एक बार की बात है गुरू नानक पातशाह खेतो में से गुजर रहे थे पता नहीं किस पर
हरि ॐ तत् सत् जय सच्चिदानंद एक बार शिवाजी के गुरु समर्थ जी महाराजअपने आसन पर विराजमान थेवहां बहुत सारे