
हरियाली अमावस्या तक श्री बिहारी जी फूल बंगले में
श्री हरिदास…हरियाली अमावस्या तक श्री बिहारी जी महाराज अपने फूल बंगले में विराजमान होते है, फूल बंगले समाप्त होने पर
श्री हरिदास…हरियाली अमावस्या तक श्री बिहारी जी महाराज अपने फूल बंगले में विराजमान होते है, फूल बंगले समाप्त होने पर
भक्त भगवान का चिन्तन मनन करता है भगवान का ध्यान धरते हुए भक्त के अन्दर दर्शन की पुकार बन जाती
“नन्हे कृष्ण कन्हैया अपनी मैया यशोदा से झगड़ रहे हैं, ‘काचो दूध पियावति पचि-पिच’- कहती है दिन में कई बार
सांकरी गली एक ऐसी गली है जिससे एक – एक गोपी ही निकल सकती है और उस समय उनसे श्याम
एक गोपी एक वृक्ष के नीचे ध्यान लगा बैठ जाती है। कान्हा को सदा ही शरारतें सूझती रहती हैँ। कान्हा
महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद अर्जुन को वहम हो गया कि वो श्री कृष्ण के सर्व श्रेष्ठ भक्त है,अर्जुन
एक बार मैं ट्रेन से आ रहा था, मेरी साथ वाली सीट पर एक वृद्ध औरत बैठी थी जो लगातार
श्री रूप गोस्वामी जी पर राधाकृष्ण की कृपा की वृष्टिनिरन्तर बनी रहती थी।उन्हें प्राय: हर समय उनकी मधुर लीलाओं की
एक भागवत कथा वाचक ब्राह्मण गांव में कथा वांच रहे थे। उस दिन उन्होंने नंदलाल, कन्हैया के सौंदर्य, उनके आभूषणों
यह बहुत पुराने समय की बात है । एक गांव में एक सेठजी रहते थे । वह श्रीकृष्णजी के परम