हर जीव में भगवान, कण कण में भगवान
यह बहुत पुराने समय की बात है । एक गांव में एक सेठजी रहते थे । वह श्रीकृष्णजी के परम
यह बहुत पुराने समय की बात है । एक गांव में एक सेठजी रहते थे । वह श्रीकृष्णजी के परम
श्रीनाथजी एक दिन भोर में अपने प्यारे कुम्भना के साथ गाँव के चौपाल पर बैठे थे ,कितना अद्भुत दृश्य है
. एक बार की बात है महाभारत के युद्ध के बाद भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन द्वारिका गये पर
होंठो ने आपका ज़िक्र न किया परमेरी आंखे हर पल आपका पैग़ाम देती है।हम दुनियाँ’ से छुपायें कैसेहर शायरी आपका
‘ज्ञान के द्वारा जिनकी चिज्जन्ग्रंथी कट गयी है, ऐसे आत्माराम मुनिगण भी भगवान् की निष्काम भक्ति किया करते हैं, क्योंकि
यह निश्चित हो गया की प्राण प्रतिष्ठा के बाद निश्चित ही ठाकुर जी विग्रह में आ जाते हैं। एक दिन
सम्भालो दास को दाता ,मेरी सुध क्यूं भुलाई है ।ना जाने आज क्यों फिर से,तुम्हारी याद आई है ।। नजर
एक बार कलकत्ता से बूढ़े ब्राह्मण श्री बिहारी जी के दर्शन के लिए वृंदावन आये तो प्रभु से मिलने के
वृंदावन में बाँकेबिहारी जी मंदिर में बिहारी जी की काले रंग की प्रतिमा है। इस प्रतिमा के विषय में मान्यता
एक अत्यंत रोचक घटना है, माँ महालक्ष्मी की खोज में भगवान विष्णु जब भूलोक पर आए, तब यह सुंदर घटना