
लीलाधारी तेरी लीला
एक बार की बात है**महाभारत के युद्ध के बाद**भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन द्वारिका गये* *पर इस बार रथ अर्जुन
एक बार की बात है**महाभारत के युद्ध के बाद**भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन द्वारिका गये* *पर इस बार रथ अर्जुन
*श्रीकृष्ण के जितने ही समीप हम पहुँचते हैं उतनी ही श्रेष्ठताएँ हमारे अन्तःकरण में बढ़ती हैं। उसी अनुपात से
हर समय कण्ठी माला लेकर बैठे रहते हो। कभी कुछ दो पैसे का इंतजाम करो लड़की के लिए लड़का नहीं
. बरसाने के पास एक छोटा सा स्थान है मोर-कुटी। एक समय की बात है जब लीला करते हुए
आरती तेरी गाऊ, ओ केशव कुञ्ज बिहारीमैं नित नित शीश नवाऊ, ओ मोहन कृष्ण मुरारी। है तेरी छवि अनोखी, ऐसी
. बाल कृष्ण की लीलाए बड़ी मनमोहनी है, बड़े-बड़े ऋषि मुनि भी भगवान श्री कृष्ण की इन लीलाओ का
अरे सांवरे तुझे तो छुपना भी नहीं आया। तु छुप तो गया पर कर्म की चाबी हमे देकर चला गया।
गोवर्धन लीला के बाद समस्त ब्रजमंडल के कृष्ण के नाम की चर्चा होने लगी, सभी ब्रजवासी कृष्ण की जय-जयकार कर
. एक मैया अपने श्याम सुन्दर की बड़ी सेवा करती थी। वह प्रातः उठकर अपने ठाकुर जी को बड़े
सुदामा ने एक बार श्रीकृष्ण से पूछा, “कान्हा, मैं आपकी माया के दर्शन करना चाहता हूँ, कैसी होती है ?”