राधा रानी की शक्ति
गोवर्धन लीला के बाद समस्त ब्रजमंडल के कृष्ण के नाम की चर्चा होने लगी, सभी ब्रजवासी कृष्ण की जय-जयकार कर
गोवर्धन लीला के बाद समस्त ब्रजमंडल के कृष्ण के नाम की चर्चा होने लगी, सभी ब्रजवासी कृष्ण की जय-जयकार कर
. एक मैया अपने श्याम सुन्दर की बड़ी सेवा करती थी। वह प्रातः उठकर अपने ठाकुर जी को बड़े
सुदामा ने एक बार श्रीकृष्ण से पूछा, “कान्हा, मैं आपकी माया के दर्शन करना चाहता हूँ, कैसी होती है ?”
वनवास के दौरान माता सीताजी को पानी की प्यास लगी, तभी श्री रामजी ने चारों ओर देखा तो
प्रभु हम पे कृपा करना,प्रभु हम पे दया करनाबैकुंठ तो यही है, हृदय में रहा करनाप्रभु हम पे कृपा करना,प्रभु
भगवान ने गोपी प्रेम के माध्यम से मानव जाति को प्रेम का सन्देश कितने मनोभाव से प्रकट किया है और
कान्हा को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा पूरे खत में सिर्फ कान्हा-कान्हा नाम लिखा. कोई प्यार करे तो राधा-कृष्ण
ये सुरज और चांद नहीं ये प्रभु का आभामंडल है। भगवान कृष्ण जल में झांकते है मस्तक पर चमकता प्रकाश
भगवान कृष्ण अर्जुन को कर्मयोग में ज्ञानयोग भक्तीयोग को समझा रहे हैं। कर्म जब भगवान को भजते हुए समर्पित भाव
एक सखी उस सांवरे से कुछ समय बाद मिलन की बात कर रही है तब दुसरी सखी पहली सखी से