राधा नाम की महिमा
एक बार प्रेम से कह दो श्री राधे एक संत थे वृन्दावन में रहा करते थे, श्रीमद्भागवत में बड़ी निष्ठा
एक बार प्रेम से कह दो श्री राधे एक संत थे वृन्दावन में रहा करते थे, श्रीमद्भागवत में बड़ी निष्ठा
जनकपुर में एक ब्राह्मण दम्पत्ति वास करते थे । ब्राह्मण परम विद्वान् और प्रेमी थे । ब्राह्मण बड़े बड़े लोगो
अधिकारी न होने पर इस विद्या का भेद खोलने से पाप लगता है।भगवान शिव कहते है। हे शिवे नैतज्ज्ञानं वरारोहे
विश्यामा संग सभी की राधा सच्चिदानंद श्रीकृष्ण की तीनप्रमुख अलौकिक शक्तियाँ,सद से रुक्मणी जीचिद से कालिन्दी (यमुना) जी औरआनंद से
हर साल गणपती की स्थापना करते हैं, साधारण भाषा में गणपति को बैठाते हैं। लेकिन क्यों ? किसी को मालूम
राधा जी के जन्म की सबसे लोकप्रिय कथा यह है कि वृषभानु जी को रावल में एक सुंदर शीतल सरोवर
ॐ महागणाधिपतये नमः *जय गजानन महाराज* *काफ़ी समय पहले की बात है एक गांव में एक अंधी बुढ़िया रहती थी।*.*वह
कृष्ण का नाम लेते हुए एक गोपी की आँखें बन्द हो गयीं, अश्रुधाराऐं बहने लगीं। कृष्ण ! कृष्ण ! कहते-कहते
श्री ब्रजभूमि प्रेममयी है। श्री ब्रजरज प्रेम प्रदाता है। श्री युगलकिशोर की कृपा से जिस देह में ब्रजरज लिपट गयी
वृंदावन मे बिहार से एक परिवार आकर रहने लगा। परिवार मे केवल दो सदस्य थे – राजू और उसकी पत्नी