प्यार का पैगाम
कान्हा को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा पूरे खत में सिर्फ कान्हा-कान्हा नाम लिखा. कोई प्यार करे तो राधा-कृष्ण
कान्हा को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा पूरे खत में सिर्फ कान्हा-कान्हा नाम लिखा. कोई प्यार करे तो राधा-कृष्ण
आज मैं अपने मन को दिल को नैनो राम नाम अमृत रस का रसपान कराना चाहती हूं। आत्मा कहती हैं
जय श्री राम परमात्मा हममें समाया हुआ है। यह कहने मात्र से बात नहीं बनती है। जब तक भगवान को
जब तक “मै” है तब तक इच्छाएं हैं। ये शरीर मेरा मै भगवान का भक्त हू। भगवान् मेरे है। इन
हिन्दुओं में 12 महिने व्रत और त्योहार है। हिन्दू धर्म की संस्कृति ही निराली है। हर त्यौहार पर जब हम
ये सुरज और चांद नहीं ये प्रभु का आभामंडल है। भगवान कृष्ण जल में झांकते है मस्तक पर चमकता प्रकाश
परमात्मा श्रीराम परम आनंद का स्वरुप हैं । जो श्रीराम से प्यार करता है ,उसका जीवन भी परम आनंद
तुम मंदिर में श्रीराम जी का दर्शन करते हो ,उस समय तुमको लगता होगा कि जैसे मेरे हाथ पैर हैं
भगवान् कहते हैं कि तु मुझे पत्थर की मूर्ति में ढुढेगा तो तेरा दिल पत्थर जैसा कठोर बन जाएगा जङ
भगवान् की सारी क्रियाओं को देखकर उनके भक्त मुग्ध होते थे। यह देखकर, विचार कर हम भी मुग्ध होवें तो