हे गोपाला
संकीर्तन और सत्संग मे जाने से फ़ायदा ही फ़ायदा होता है।कभी नुकसान नही होता।एक अँधा फूलों के बाग में चला
संकीर्तन और सत्संग मे जाने से फ़ायदा ही फ़ायदा होता है।कभी नुकसान नही होता।एक अँधा फूलों के बाग में चला
शिवपुराण संहिता में कहा है कि सर्वज्ञ शिव ने संपूर्ण देहधारियों के सारे मनोरथों की सिद्धि के लिए इस ‘ॐ
हाड़ीजी और उनके साथ पचास साठ स्त्रियाँ मीरा को लेकर भूत महल की ओर चलीं।मीरा की दासियों ने सारी रात
दिन ढलने पर मैं स्वयं ही उपस्थित हो जाऊँगी।तुम जाकर निवेदन कर देना कि मुझे भी बुजीसा हुकुम के दर्शन
जय गुरुदेव शिष्य और गुरु का रिश्ता बड़ा विचित्र रिश्ता होता है जो भगवान राम ने कृष्ण ने और बड़े-बड़े
माता पार्वती भगवान शंकर से पूछती हैं- प्रभु जे मुनि परमारथबादी।कहहिं राम कहुँ ब्रह्म अनादी।। सेस सारदा बेद पुराना।सकल करहिं
गौ लोक धाम में जब देवताओ ने भगवान श्री कृष्ण से पृथ्वी के उद्धार के करने को कहा तो भगवान
जिसे तुम जीवन की भांति जानते हो वह अपने भीतर मृत्यु को छिपाए है। जीवन ऊपर की ही पर्त है;
। श्री शैलराज तनये चण्ड मुण्ड निषूदिनी।मृगेन्द्र वाहने तुभ्यं चामुण्डायै सुमङ्गलं।। पञ्च विंशति सालाड्य श्री चक्रपुअ निवासिनी।बिन्दुपीठ स्थितॆ तुभ्यं चामुण्डायै
उन्होंने लौटकर बताया- ‘वे तो मर्यादाहीन व्यक्ति हैं।हमें कहने लगे कि हम अपना काम कर रहे हैं।तुम कौन हो बीच