“व्यास–गुरु पूर्णिमा” 3 जुलाई 2023 गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
. “व्यास–गुरु पूर्णिमा” महर्षि वेदव्यास जी अमर हैं। महान विभूति वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को लगभग 3000 ई. पूर्व
. “व्यास–गुरु पूर्णिमा” महर्षि वेदव्यास जी अमर हैं। महान विभूति वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को लगभग 3000 ई. पूर्व
गुरुपूर्णिमा कृतज्ञता प्रकट करने का दिन गुरु पूर्णिमा अपने सद्गुरु के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का दिन है। यह शिष्य
शिवलिंग में विराजते हैं तीनों देव:-सबसे निचला हिस्सा जो नीचे टिका होता है वह ब्रह्म है, दूसरा बीच का हिस्सा
‘आपकी चालाकी नहीं चलेगी सरकार, झूला रुकने से पूर्व ही कूद पड़तें हैं आप, इसलिए चढ़ते झूले पर ही नाम
श्रीराम भक्त हनुमान साक्षात एवं जाग्रत देव हैं। हनुमानजी की भक्ति जितनी सरल है उतनी ही कठिन भी। कठिन इसलिए
भाद्रपद की शुक्ल चतुर्थी के दिन भगवान गणेशजी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन गणपति की स्थापना करके गणेशोत्सव
श्री गुरु चरन सरोज रज निज मन मुकुर सुधार।बरनहु रघुवर विमल यश जो दायक फल चार।। “हे मन रूपी हनुमान
मीरा ने स्त्रियों की ओर दृष्टि फेरी- ‘तुम दुर्गा और चामुण्डा का स्वरूप हो।बिना मन के कोई हाथ तुम्हें कैसे
🙏🙏 एक गाँव में एक साधू महाराज रहते थे । साधू महाराज जहाँ भी जाते, नाम जप पर उपदेश देते
उस छोटी सी आयु में ही वे न्यायासन पर बैठते तो बाल की खाल उतार देते।बैरी को मोहित कर लें