दुर्गा देवी के मंत्र: अर्थ और लाभ
१. मंत्र:सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिकेशरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तुते | मंत्र का अर्थ:हे नारायणी! तुम सब प्रकार का
१. मंत्र:सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिकेशरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तुते | मंत्र का अर्थ:हे नारायणी! तुम सब प्रकार का
श्री समर्थ रामदास स्वामी एक दिन अपने शिष्यों के साथ यात्रा पर निकले थे।.दोपहर के समय एक बड़े कुएँ के
स्कंद पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक ब्राह्मणी अपने पति की मृत्यु के बाद भिक्षा
भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत पुण्य कमाने के द्वार खोल देता है, इसमें महादेव के सभी भक्तों की असीम
श्री राधा विजयते नमः मैं जप करुंगी तो उनकी स्मृति मिल जायेगी,ध्यान करुंगी तो उनका रुप मेरे हृदय में आ
एक कथा कहती है कि तुलसीदास जी जब हनुमान चालीसा लिखते थे लिखे पत्रों को रात में संभाल कर रख
श्री राधा जहा पर किशोरी कुण्ड है उमराओ का अर्थ है किसी राज्य का अधिपति एक बार श्याम सुंदर जी
भक्ति रस से ओतप्रोत कथाकुन्ती यदुवंशी राजा शूरसेन की पुत्री,वसुदेवजी और सुतसुभा की बड़ी बहन और भगवान श्रीकृष्ण की बुआ
ॐ श्रीपरमात्मने नम: माँ दुर्गाजी की नवीं शक्ति का नाम सिध्दिदात्री है | ये सभी प्रकार की सिध्दियों को देने
| ॐ श्रीपरमात्मने नम: माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। इनका वर्ण पूर्णत: गौर है। इस गौरता