
गोपी-भाव
आज का प्रभु संकीर्तन।जब तक किसी भक्त में प्रेम की प्यास गोपी की तरह नही होगी,तब तक भक्त को श्री
आज का प्रभु संकीर्तन।जब तक किसी भक्त में प्रेम की प्यास गोपी की तरह नही होगी,तब तक भक्त को श्री
“रासबिहारी होते हुए भी श्रीकृष्ण ब्रह्मचारी कहलाए, इसका मर्म क्या है? आज के आधुनिक समाज में रासलीला का क्या महत्व