मैनु पौणाहारी दा दीदार हो गया
जावा बारे नाथ दे मंदिर तो मैनु सच दिखाया अंदर तो, मेरे जोगी नाथ दे लड़ लग के सत जन्मा
जावा बारे नाथ दे मंदिर तो मैनु सच दिखाया अंदर तो, मेरे जोगी नाथ दे लड़ लग के सत जन्मा
मेला मेला मेला, बाबा बालक नाथ दा मेला॥ भगता दा रखवाला बाबा मस्त मलंग अलबेला॥ मेला मेला मेला………. मेला देखन
घर विच अलख जगा गया नि माँ, इक छोटा जेहा बालक, छोटा जेहा बालक नन्ना जेहा बालक, घर विच अलख
उचियाँ चढ़ाइयाँ चढ़ के आये, इक वारि दर्शन दिखा जा योगियां, साहनु तेरियां उडीका हुन आजा योगियां, तेरी गुफा ते
ले चल वे ले चलवे, कदे साडा भी कर ले ख्याल जोगियां ले चल वे, साहनु ले चल अपने नाल
आ जोगियां तू घर आ जोगियां माँ रतनो उडीके फेरा पा जोगियां साधु लमियॉँ जटावां वाले बोह्डा हेठा आन उतरे
शाहतलाइयाँ हेठ बोहड़ ते बैठा आसान लाई, भोली तार दे गुफा निराली जिथे झुके लुगाई, मेला पौणाहारी दा आज दुनिया
मैं चिठियााँ,,,, हो मैं चिठियााँ,,,, मैं चिठियााँ लिख लिख हारी, कब आओगे बाबा पौणाहारी, हो नाथ कब आओगे, बाबा कब
दाते दा दीदार दीदार मैनु हो गया, चरना दे नाल प्यार मैनु हो गया, हर दम रेह्न्दियाँ सोच विचारा कदो
आजा पौनहारियाँ आजा दुधाधारियां, करदे दूर हनेरे सारे रख ले मान आज मेरा, आजा जोगियां झंडा चढ़ाऊँ लगे तेरा, गोआ