रंग जोगी वाला चढ़ गया सोहना
रंग जोगी वाला चढ़ गया सोहना ते कोई रंग सजदा ही नहीं, तेरे वाजो जोगी सोहनियाँ चंगा होर लग दा
रंग जोगी वाला चढ़ गया सोहना ते कोई रंग सजदा ही नहीं, तेरे वाजो जोगी सोहनियाँ चंगा होर लग दा
भगता तू क्यों ढोलदा है पौणाहारी ता तेरे नाल है, भगता तू क्यों ढोलदा है सिंगियाँ वाला ता तेरे नाल
धूना तेरे ही नाम दा लाया, अथे आजा पौनाहरिया, तेनु संगता ने अज है भुलाया, अथे आजा पौनाहरिया, धूना तेरे
मुडिया जोगिया मैं मारी तेरियां गमा दी, हाल वे रबा मैं लुटी तेरियां गमा दी, मुडिया जोगिया मैं मारी …..
आजा वे आजा पोनाहारियां वे दूधधारियां वे किथे लाये ने डेरे, नैन प्यासे तेरी दीद दे वे कदों पावेंगा फेरे,
बाबा जी तेरे एह कुण्डलु कुण्डलु बाल, मुख पर बनी बनी बोहनदे हो, बाबा जी तेरा शाहतलियां वास मोर सवारी
जाग दूध नु न लावी मीठे रोटी नु पकावी मेनू सुपने च केह गई पौनाहारी अमिए रिड्की न दूध पा
तेरी मैं दीवानी होइ पौनहारियाँ तेरी मैं दीवानी होइ, देख के रूप निराला जोगी दा सुध भुध अपनी खोई, तेरी
जोगी /बाबे ने मेनू नाम दा गेहना पाया जोगी ने मेनू नाम दा गेहना पाया ना एह सोना न एह
सोहना जोगी आया है देखो माँ रत्नो दे वेहड़े, आके अलख जगाया है देखो माँ रत्नो दे वेखदे, सोहना जोगी