
फूला दी वरखा हो रही है बावा लाल दे दरबार
फूला दी वरखा हो रही है बावा लाल दे दरबार ते, जिस झोली विच फूल पे गया सतगुरु ने वो

फूला दी वरखा हो रही है बावा लाल दे दरबार ते, जिस झोली विच फूल पे गया सतगुरु ने वो

इक दो गल्ला आज करनियाँ तेरे नाल बावा लाल, देखि देवी न किधरे मैनु टाल बावा लाल, इक दो गल्ला

आवाज मारदी कुटियाँ गरीब दी कदी ते फेरा पाओ सतगुर, बड़ी देर तो प्यासियां ने सदरा आओ जी घर आओ

असि चंगे हां या माडे बस तेरे हां सुन ले दयाल सतगुर, असि मीठे हां या खारे बस तेरे हां

धन तेरी लीला धन शक्ति तेरी, करदे रवागे सदा भगति तेरी, आये छड़ के दुनिया सारी सतगुरु बावा लाल जी,

तुसी जग दे हो वाली जग तुसा दा सवाली, डेरा भगता द्वारे तेरे ला लिया, बावा लाल जी ध्यान पुर

दुखड़े निवारण लई ते कष्ट मिटावन लई, इस जग ते लेके सतगुरु अवतार आ गाये, बाबा लाल आ गये दुखड़े

हे लाल तेरे तो मैं लाल मंगदी, दयाल तेरे तो मैं लाल मंगदी, मेरे सुत्ते भाग जगा दे खुशियाँ वाली

खुशियाँ दा दिन है आया बावा लाल भाग लाया, होई मुराद पूरी मुहो मंगिया फल है पाया, खुशियाँ दा दिन

बावा लाल प्यारे दी नित महिमा गावे मैं, ले धूलि चरना दी मस्तक दे लावा मैं, जो लाल दा बन