
मात भवानी विनती करती हूँ
मात भवानी विनती करती हूँ सजा हुआ उद्याननया वर्ष नवरात्रि आगमनमाता से विनती करती,ऐसा भारत बने हमारामन में यह इच्छा
मात भवानी विनती करती हूँ सजा हुआ उद्याननया वर्ष नवरात्रि आगमनमाता से विनती करती,ऐसा भारत बने हमारामन में यह इच्छा
कदम-कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा ये जिन्दगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा तू शेर-ए-हिन्द
हिमाद्रि तुंग श्रृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती — स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती — अमर्त्य वीरपुत्र हो, दृढ प्रतिज्ञ सोच
जय जय हिंदुस्तान हम न भूलेंगे बलदानी, तुम ने इतनी जाने देदी हम को दी है आजादी, १५ अगस्त जब
इलेक्शन हो गया रे वोट देखो पड़ गया रे बानी मोदी की सर्कार झंडा गड गया रे महामिलावटगठबंधन का बज
उठो जवान देश की वसुंधरा पुकारती, ये देश है पुकारता, पुकारती माँ भारती । रगों में तेरे बह रहा है
चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है। चंदन
मेरा कर्मा तू, मेरा धर्मा तू तेरा सब कुछ मै, मेरा सब कुछ तू हम्म आ आ… हर करम अपना
स्वच्छ रहे मेरा गाँव स्वच्छ रहे मेरा देश, स्वच्छ बने यहाँ धरा स्वच्छ बने भारत देश, स्वच्छ रहे हिमालय पर्वत,
छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी