दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल
दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल दे दी हमें आजादी बिना
दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना ढाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल दे दी हमें आजादी बिना
कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों]x३ हां हां… साँस थमती गई नब्ज़ जमती गई फिर
संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं, जो चिट्ठी आती है, वो पूछे जाती है, के घर कब आओगे, लिखो कब
जब जीरो दिया मेरे भारत ने, भारत ने मेरे भारत ने, दुनिया को तब गिनती आई। तारों की भाषा भारत
मन मस्त फ़कीरी धारी है अब एक ही धुन जय जय भारत ॥ हम धन्य है इस जगजननी की सेवा
तर्ज – न तुम बेवफा हो ,ना हम बेवफा हैं !! टेक – वीर मतवाले , कसम आज खाले वतन
कदम कदम पे नक्श है विजय हमारा लक्ष्य है विजय हमारा लक्ष है..विजय हमारा लक्ष है.. कदम कदम पे नक्श
तू ना रोना की तू है भगत सिंह की माँ मरके भी लाल तेरा मरेगा नहीं घोड़ी चढ़के तो लाते
ये धरती माँ है मेरी के अलग ऐलान लिख देना मेरी इस जिन्दगी पे इसके है ऐहसान है लिख
अरे घास री रोटी ही , जद बन बिलावडो ले भाग्यो नान्हो सो अमरियो चीख पड्यो,राणा रो सोयो दुख जाग्यो