आरती मनसा देवी की
मंगल की सेवा सुन मेरी देवी हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े। पान सुपारी ध्वजा नारियल ले ज्वालातेरी भेंट करें।। सुन
मंगल की सेवा सुन मेरी देवी हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े। पान सुपारी ध्वजा नारियल ले ज्वालातेरी भेंट करें।। सुन
तुम झोली भर लो भक्तों…रंग और गुलाल सेहोली खेलेंगे अपनेगिरधर गोपाल से कोरा-कोरा कलश मंगाकर…उसमें रंग घुलवाया,लाल गुलाबी नीला पिला…केशर
ऐसा प्यार बहा दे मैया, चरणों से लग जाऊ मैं । सब अंधकार मिटा दे मैया, दरस तेरा कर पाऊं
मेरे कंठ बसो महारानीमेरे स्वरों को अपना स्वर दोगाउँ मैं तेरी बानीमेरे कंठ बसो महारानी…जीवन का संगीत तुम्ही होआशाओं का