
मात भवानी विनती करती हूँ
मात भवानी विनती करती हूँ सजा हुआ उद्याननया वर्ष नवरात्रि आगमनमाता से विनती करती,ऐसा भारत बने हमारामन में यह इच्छा
मात भवानी विनती करती हूँ सजा हुआ उद्याननया वर्ष नवरात्रि आगमनमाता से विनती करती,ऐसा भारत बने हमारामन में यह इच्छा
सभी देशवासियों कोपावन पर्व चैत्र नवरात्रकी हार्दिक शुभकामनाएं सभी देशवासियों कोपावन पर्व चैत्र नवरात्रकी हार्दिक शुभकामनाएं ! ।। माँ दुर्गा
शैलपुत्री-कार्येण याऽनेकविधां श्रयन्ती, निवारयन्ती स्मरतां विपत्तीः।अपूर्वकारुण्य रसार्द्र चित्ता, सा शैलपुत्री भवतु प्रसन्ना।।१।। ब्रह्मचारिणी-स्वर्गोऽपवर्गो नरकोऽपि यत्र, विभाव्यते दृक्कलया विविक्तम्।या चाऽद्वितीयाऽपि शिवद्वितीया,
दुर्गा सप्तशती में अर्गला स्तोत्र के बाद कीलक स्तोत्र के पाठ करने का विधान है। कीलक का अर्थ है कुंजी,
मंगल की सेवा सुन मेरी देवी हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े। पान सुपारी ध्वजा नारियल ले ज्वालातेरी भेंट करें।। सुन
तुम झोली भर लो भक्तों रंग और गुलाल से होली खेलेंगे अपनेगिरधर गोपाल से कोरा-कोरा कलश मंगाकर…उसमें रंग घुलवाया,लाल गुलाबी
ऐसा प्यार बहा दे मैया, चरणों से लग जाऊ मैं । सब अंधकार मिटा दे मैया, दरस तेरा कर पाऊं
मेरे कंठ बसो महारानीमेरे स्वरों को अपना स्वर दोगाउँ मैं तेरी बानीमेरे कंठ बसो महारानी…जीवन का संगीत तुम्ही होआशाओं का