
दो एकम दो दो दुनि चार
दो एकम दो दो दुनि चार प्रेम से बोलो मैया जी की जय जय कार, दो तीया छे दो चौके

दो एकम दो दो दुनि चार प्रेम से बोलो मैया जी की जय जय कार, दो तीया छे दो चौके

सुनिया मैं लोका उते रेहमता माँ तेरियां, आज तू भी सुन ले कहानियां माँ मेरियाँ, मैं भी चरना च सिर

आज है जगराता माई का सिर को झुका लेना, अरे ओ भैया जी ज़रा ताली बजा देना, हाथ उठा के

जिथे पेंदा ऐ जैकारियां दा शोर ओथे माँ जरुर आउंदी ऐ, जिथे चढ़ जांदी नाम वाली लोर ओथे माँ जरुर

बेटा भुलाये झट दोरही चली आये माँ, अपने बच्चो के आंसू देख नही पाए माँ, वेद पुराणों में भी माँ

मगीं मैं मुराद सदा तेरे कोलो लई ऐ, फेर ईक वार मैनु लोङ तेरी पई ऐ, जिन्दगीं दे दिन कटे

विराशनी देवी सिलौंडी वाली अजब तेरो दरबार शान भगतों की बढ़ाई है,रे…. बैठी चतुर्भुज रूप में मैया, सुनती करुण पुकार

मईया ऐसी लगन तू लगदे, मै तेरे बिना पल ना रहूँ, हो मै तेरे बिना पल ना रहूँ, दिल में

सब नाचो गाओ नवराते आये महारानी के, सब मिल कर ख़ुशी मनाओ नवराते आये महारानी के, माता वैष्णो रानी अब

आओ मैया के स्वागत में मिल के भजाओ ताली, आ गई मइयां शेरावाली,आई रे आई मइयां शेरावाली, खुद भक्तो से