
के गुंजदे जयकारे दाती दे
माँ दा जागा करवाया घरे माँ नु भुलाया, साढ़े खुशियां ना भर दीते पल्ले के गुंजदे जयकारे दाती दे ,.

माँ दा जागा करवाया घरे माँ नु भुलाया, साढ़े खुशियां ना भर दीते पल्ले के गुंजदे जयकारे दाती दे ,.

सिर उते चुनियाँ ने लाल बनियाँ लिशकदीयां ने घोटे दियां चुनियाँ, कर दियां नाले गुण गान कंजका आ किथे आ

पल्ला मैं मैया दा फड़्या मैनु रंग मस्ती दा चड्या, घुंगरू पैरा दे विच बन के आज मैं लेने ने

त्रिगुट पर्वत मंदिर माँ दा पिंडी रूप बनाया, बारा महीने भगता ने माँ दर ते मेला लाया, बोलो जय मैया

सोहना सजाया दरबार मैया तेरे भगता ने, हो आज करना तेरा दीदार मैया तेरे भगता ने, सोहना सजाया दरबार मैया

आगी शेरसवारी कंजका खेड़ दियां, लगदी रात प्यारी कंजका खेड़ दियां, सोना शेर सजाया माँ ने माथे तिलक लगाया माँ

नवरातेया दे विच मेले लगदे मेरी मियां दे द्वारे, मैया दे द्वारे शेरावाली दे द्वारे, नवरातेया दे विच मेले लगदे

गा के मनाऊ या नच के मनाऊ, बोल मेरी मैया तुझे कैसे मनाऊ, ताली बजाऊ या ठुमका लगाऊ, बोल मेरी

गाडी ले ली नवी सफारी लाके झंडे किती तयारी, लाके झंडे किती तयारी दर गये आ दातिये, गद्दी ते लिखा

नव बसंत उत्सव पर तुमको याद करता हूँ, माता शारदे चरणों में प्रणाम करता हूँ, हो स्वरों की देवी भी