जय दुर्गे जय काली तेरी महिमा निराली
जय दुर्गे जय काली तेरी महिमा निराली उचे डेरो वाली ओ मैया तू है शक्ति शाली जय दुर्गे जय काली
जय दुर्गे जय काली तेरी महिमा निराली उचे डेरो वाली ओ मैया तू है शक्ति शाली जय दुर्गे जय काली
मैं तो तेरी दीवानी हो गई रे, मैया तेरे प्यार में खो गई रे, मेरी किस्मत मैया प्यारी तू, दुनिया
ना ही सोना चांदी ना ही खजाना चाहिदा, मैनु तेरे चरना च ठिकाना चाहिदा, ठिकाना चाहिदा ठिकाना चाहिदा, तू मालिक
अज पैरा विच घुंगरू पाके मैं दर तेरे नचना, संगा सरिया मैं ला के तनु सीने च वसा के हर
उच्चेआ पहाड़ा वाली माँ, हो… जदों तेरा बुलावा आवे, दिल दे तार हिलावे, मैनु बड़ा चंगा लगदा, मैनु बड़ा चंगा
नवराते आये सजा दरबार,की मैया मेरी आते होवेगी देखो बादलो ने की है जैकार के मैया मेरी आती होवेगी, फूलो
नवरात्रि के पांचवी स्कन्दा माता माहारानी। इसका ममता रूप है ध्याए ग्यानी ध्यानी॥ कार्तिक्ये को गोद ले करती अनोखा प्यार।
असी वसदे आसरे तेरे पहाड़ां विच रहन वालीए अंग संग तू हमेशा रवि मेरे पहाड़ां विच रहन वालीए असी वसदे
झंडिया दा झंडिया दा रंग लाल मैया जी तेरे झंडिया दा मांग मैया दे टिका सोहे बिन्दी दा रंग लाल
कितना सोहना तेरा भवन सजाया, दिल करे देखदा रवां, दिल मुडदा नही लख समझाया, दिल करे देखदा रवां, कितना सोहना