चलो माँ दे दर चलिये
माँ दे झंडे नु बना लो उते फोटो नु सजा लो, हॉवे इक इक दिन दे नबेड़े चलो माँ दे
माँ दे झंडे नु बना लो उते फोटो नु सजा लो, हॉवे इक इक दिन दे नबेड़े चलो माँ दे
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं। तुम बिन कौन सुने वरदाती, किस को जा कर विनय सुनाऊं। आरती जगजननी मैं तेरी
शेरांवाली दे बिछुये सुनार गढ़ दे । हीरे मोती बड़े बेशुमार जड़ दे । मैं तो पहनाऊँ मइया के पाओं
मेनू चरना च रख ले दाती मैं कमली तेरे दीदार दी आ , मैं चंगी आ या मंदी आ दीवानी
पर्याग आके गंगा नहाना अपना तन मन पवन कर जाना, निर्मल जल में दुभ्की लगाना अपना तन मन पवन कर
मेरी दाती दिया सोहनीया सुंदर पहाड़िया ने जिथे माता वसे जग दी दाता वसे शेरावाली वसे जग दी वाली वसे
सीढ़ी-सीढ़ी चढ़ते जाओ भगतो जय माता दी करते जाओ भगतो लाल चुनरियाँ गोटे वाली माँ नु लगदी प्यारी प्यारी, शेर
मैया रानी कंजक बन के घर मेरे तू आजा हरदम गुण गाऊ मैं तेरे खुला रखु दरवाजा अब तो आजा
करु वंदना तुम्हारी मां शारदे मां इतना प्यार दे करू वंदना तुम्हारी मां शारदे…….. भरदे दामन में मेरे स्वर सागर
मंदिर तोरे आइके, रहे निमंत्रण डार खेरे की खेड़ापति,मोरे अंगना जाओ पधार लकी द्वार अर्जी करे,महादेवी अवतार खेरे की खेड़ापति,