सच्चे मन से जो माता को पूजे
मेरी शेरा वाली माता है प्यारी भगतो को निहाल करती, सच्चे मन से जो माता को पूजे उसे माला माल
मेरी शेरा वाली माता है प्यारी भगतो को निहाल करती, सच्चे मन से जो माता को पूजे उसे माला माल
मैंने देखा तूने देखा इसने देखा उस ने देखा सब ने देखा क्या देखा क्या देखा, नंबर १ माँ पुरना
बेटियो का भाग्या मैया तूने कैसा बनाया है, सीता जैसा नारी को धोबी ने सताया है, उनके पति ने उनको
जिथे जावा माँ ओथे गावा भेटा तेरियां नाले संगता नु नाल गवावा मैं भेटा तेरियां चोंकीया ते जागेया दे विच
जब मैं जाउगा इस दर से जीवन का हिसाब माँ लेना, अगर कुछ घर में मिला तो मुझे पुनर जनम
शेरावाली मेरी माँ भवानी जरा अपनी रेहमत का करदे तू मुझपे कर्म नजरे भूले से मेरी उठे जिस तरफ करलू
प्रयाग आके गंगा नहाना अपना तन मन पावन कर जाना, गंगा माँ में डुबकी लगाना अपना तन मन पावन कर
घोटे वाली लाल चुनरियाँ ओड के आजा माँ मेरी, तेरे बच्चे तुझे पुकारे मंदिर छोड़ आजा माँ मेरी, बच्चे तुझे
सज गये मंदिर और दरबार हो रही माँ की जय जय कार, मैया के नवराते आ गये दाती के जगराते
माँ को हम से प्यार कितना ये हम नही जानते मगर जी नही सकते माँ के बिना नो माह में