अज कल दिल बड़ा उदास है माँ
अज कल दिल बड़ा उदास है माँ इक तेरे तो ही आस है माँ एह माडे दिन भी कट जान
अज कल दिल बड़ा उदास है माँ इक तेरे तो ही आस है माँ एह माडे दिन भी कट जान
पहाड़ा दी चोटी विच तेरा ठिकाना है, मैनु भुलाले माई दर्शन पाना है, पहाड़ा दी चोटी विच तेरा ठिकाना है,
सोण महीना चडियां पिपली पीघां पाईयां ने पीघां झुटण मईया दे नाल कंजका आईया ने-॥ देखन अजब नजारा आ के
मेला लगया है लगया माई दे द्वार मेहरा वाली मेहर कमावे, ओ मेला लगाया है लगाया माई दे द्वार, बिन
राती सुपने च , दिते सी दीदार माता ने… चलो चलिए बुलाया , दरबार माता ने ॥ सुपने च जिथे
मईया सब रूप तेरा प्यारा, है दसो दिशा में जयकारा, विष्णुमाया रूप प्यारा, चेतनारूप तेरा प्यारा, बुद्धिरूप तेरा प्यारा, निद्रारूप
मैं बेटी हु तू है माता रहे अटल सदा ये नाता, ये रिश्ता कभी टूटे कभी न तेरा दर छूटे
माये रख ले सेवा दार तेरा केह्डा मूल लगना, मेनू मिलदा रहे गा तेरा प्यार तेरा केह्डा मूल लगना, हाथ
ओ पुरना मैया हमारे घर आ जियो, जो है रुखा सुखा के भोग लगा जियो, नवरातन की वेला आई हर
मुझे नौकर माँ बना ले अपने चरणों में लगा ले, मैं तो प्यासा हु तेरी नौकरी का माँ, तेरी नौकरी