साडे घर जगराता झंडेया वाली ने औना ऐ
तू ढोल बजावे ढोलिया अज पौनिया ने बोलियाँ बोलियाँ दे विच मैं दा नाम ध्योना ऐ, साडे घर जगराता झंडेया
तू ढोल बजावे ढोलिया अज पौनिया ने बोलियाँ बोलियाँ दे विच मैं दा नाम ध्योना ऐ, साडे घर जगराता झंडेया
बांटो बांटो आज बधाई शेरावाली घर मे आई, आई सिंह पे होके सवार ओ मैया कर सोलाह सिंगार ओ मैया
दर्शन दे दर्शन दे मेरी माता भगता न दर्शन दे, आज तेरा जगराता सबना नु दर्शन दे, दर्शन दे दर्शन
सातवा जब नवरात्र हो आनंद ही छा जाता। अन्धकार सा रूप ले पुजती हो माता॥ गले में विद्युत माला है,
मेरी देवी मैया की भोली रे सुरतिया, मनवा लुभाय हे मोरी मैया, मैया के मांगों में बेंदी भी सोहे, सेन्धुला
नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा का ध्यान। मस्तक पर है अर्ध चन्द्र, मंद मंद मुस्कान॥ दस हाथों में अस्त्र शस्त्र
माँ शेरोवाली आजा मेहरो वाली, तुझे कभ से पुकारे तेरा लाल आजा माँ शेरोवाली, वारु तुझपे मैं पूजा के थाल
लांगुरिया तू ले चल मुझे माँ के भवन पे, माँ के दर्शनों को तरसे मेरे नेयन रे, लांगुरिया प्यारे लांगुरिया
बैठो उड़न खटोले चलो मनसा धाम याहा होती मुरादे पूरी हरिद्वार में आने वाले सुन बिन दर्शन है यात्रा अधूरी
ध्यानु के ध्यान में, रहने वाली माँ, थोड़ा सा हमारा भी, माँ ध्यान रखना l *दिल से न हमे दूर,