चढ़ ऊचियाँ ते नीवियाँ घाटियाँ
चढ़ उचियाँ ते नीवियाँ घाटियाँ, असी आये तेरे दीदार नु, माँ जगदम्बे शेरा वालिये, आज खोले दे भरे भंडार नु,
चढ़ उचियाँ ते नीवियाँ घाटियाँ, असी आये तेरे दीदार नु, माँ जगदम्बे शेरा वालिये, आज खोले दे भरे भंडार नु,
कांटो से भरी बगियाँ फूलो से सवारी है, जैसा भी हो हर पल मुझ पर बलिहारी है, इस पुरे जगत
छत्र देखती ना माँ चुनरिया देखती, भाव अपने भक्त का मेरी मैया देखती माँ भला कब किसी का क्या खाये,
झोलियाँ भरवाके लाये है मैया रानी के दवार से, मैया रानी के दवार से पाके मुरादे आये है, मेहरावाली हुई
पार करो मेरा बेडा भवानी, पार करो मेरा बेडा। गहरी नदिया नाव पुरानी, दया करो माँ आद भवानी। सब को
मेरी बिगड़ी बनने को मेरी जगदम्बे आएगी, मेरी उजड़ी बसने को मेरी जगदम्बे आएगी, ये स्वार्थ से भरी दुनिया किसी
कब तक उठाएगा तू गम का भोज चल माँ के दर पर पायेगा मौज कैसा करिश्मा है मैया के दर
झूला पीपल घाल्याई री माँई जी थारे ताई ने, उचो पिपली को डोडो लाम्बोई झूले झूला में, चुंदडी तारा वाली
हे काली माय गोर लगाई छी,हुओं सहाय। हमरा देश पे सबके नज़र छै सबके लिहो बचाय। सब त तिरछी नज़र
भवनों पे ज्योत जगमगाये माता, आरती पुजारी तेरी गाये माता, आरती गये तेरी आरती गाये, भवनों पे ज्योत जगमगाये माता,